वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी के संसद में पहले भाषण की उनके भाई और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तारीफ की है। संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि शानदार भाषण, मेरे पहले भाषण से भी बेहतर, इसे ऐसे ही कहें। अमेठी से सांसद के तौर पर राहुल गांधी के लोकसभा में पहले भाषण को लगभग 20 साल हो चुके हैं। इसकी तुलना में प्रियंका का भाषण निश्चित रूप से लंबा था, जिसमें कई तरह के मुद्दों पर बात की गई।
संसद में राहुल गांधी का पहला भाषण कैसा था?
राहुल ने पहली बार संसद में 21 मार्च, 2005 को गन्ना किसानों के मुद्दे पर बात की थी। संयोग से, उन्होंने योगी आदित्यनाथ के ठीक बाद बात की, जो नई दिल्ली में गौशालाओं के मुद्दे पर बोल रहे थे। जब तत्कालीन स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने आदित्यनाथ से कहा कि मैंने अपना वादा निभाया है। मैंने आपको सबसे पहले बुलाया है तो राहुल ने बोलना शुरू कर दिया। राहुल गांधी ने कहा, “महोदय कृपया मुझे शून्यकाल के दौरान हमारे देश के गन्ना किसानों से संबंधित एक मामला उठाने की अनुमति दें।”
इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, “गन्ना उत्पादक कड़ी मेहनत करते हैं और हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि हमारे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले। उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 जनवरी, 2005 को सुप्रीम कोर्ट में एक बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि निजी गन्ना मिलों ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को सभी बकाया भुगतान कर दिया है। हालांकि उत्तर प्रदेश के गन्ना आयुक्त ने हाल ही में आजतक चैनल में कहा है कि वर्ष 2002-03 का बकाया 517 करोड़ रुपये अभी तक नहीं दिया गया है। यह हमारे किसानों के साथ बहुत अन्याय है।”
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इसके बाद राहुल गांधी ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि राज्य सरकार 5 मई, 2004 को अपने अंतिम निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करे और हमारे किसानों को उनका हक दिया जाए। इसके बाद स्पीकर ने राहुल गांधी से कहा, “मैं आपके पहले भाषण के लिए आपको बधाई देता हूं।”
सपा सरकार पर राहुल ने साधा था निशाना
राहुल उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद थे और उनके निर्वाचन क्षेत्र में गन्ना एक महत्वपूर्ण मुद्दा था। समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी। स्थानीय मुद्दे पर केंद्रित राहुल के छोटे भाषण की तुलना में, प्रियंका ने 32 मिनट तक भाषण दिया, जिसमें जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी द्वारा किए गए योगदान का जिक्र किया।
प्रियंका ने आपातकाल की आलोचना की और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल का पहला भाषण कोई असामान्य बात नहीं थी। सांसद के रूप में अपने पहले दो कार्यकालों में कांग्रेस नेता ने बहुत कम बोला। मई 2015 में इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया था, “मार्च 2005 में लोकसभा में राहुल के पहले भाषण से लेकर इस सत्र की शुरुआत तक के 10 वर्षों में उन्होंने केवल सात बार ही बोला था।” पढ़ें दादी इंदिरा गांधी के आपातकाल को लेकर क्या बोलीं प्रियंका