Rahul Gandhi Case: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर विवाद के बीच विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद में गुरुवार को सांसदों के बीच हुई धक्का मुक्की का मामला पुलिस स्टेशन के पास पहुंच गया है। BJP ने राहुल के खिलाफ FIR दर्ज कराई है जिसमें कई संगीन धाराएं भी हैं। एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि इन धाराओं में राहुल को गिफ्तारी के अलावा सात साल की जेल भी हो सकती है।

गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद परिसर में आंबेडकर प्रतिमा के पास से मकर द्वार तक मार्च निकाला था। इस दौरान बीजेपी के सांसदों का भी मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन जारी था। इसके बाद करीब साढ़े 11 बजे बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी को व्हीलचेयर पर संसद से बाहर ले जाते हुए देखा गया।

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प्रताप सारंगी ने लगाए राहुल गांधी पर आरोप

सारंगी ने दावा किया कि राहुल ने संसद की सीढ़ियों के पास खड़े एक अन्य बीजेपी सांसद (मुकेश राजपूत) को उनके ऊपर धक्का दे दिया। सारंगी और राजपूत दोनों को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी चोटों का इलाज किया गया। प्रताप सारंगी के अलावा मुकेश राजपूत भी फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं।

राहुल गांधी का क्या है तर्क?

राहुल और कांग्रेस ने कहा कि सांसद, नेता विपक्ष को संसद भवन में प्रवेश करने से रोक रहे थे। उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह आपके कैमरे में हो सकता है। मैं संसद के प्रवेश द्वार से अंदर जाने की कोशिश कर रहा था, बीजेपी सांसद मुझे रोकने, धक्का देने और धमकाने की कोशिश कर रहे थे।

बीजेपी के दोनों सांसदों की अब कैसी है तबीयत?

कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को धक्का दिया। राहुल ने कहा कि हमें धक्का-मुक्की से फर्क नहीं पड़ता है। यह प्रवेश द्वार है और हमें अंदर जाने का अधिकार है। भाजपा सांसद हमें अंदर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे, मुख्य मुद्दा यह है कि वे संविधान पर हमला कर रहे हैं और आंबेडकर जी की स्मृति का अपमान कर रहे हैं।

दोनों से ओर से दर्ज कराई गई FIR

संसद में इस हाथापाई के बीजेपी-कांग्रेस सांसदों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज समेत एनडीए के तीन सांसद संसद मार्ग पुलिस थाने पहुंचे और हाथापाई के सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई। कुछ घंटों बाद कांग्रेस के सांसदों ने भी जाकर बीजेपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

BJP ने किन धाराओं में दर्ज कराई है FIR

बीजेपी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय न्याय संहित की कई धाराओं में FIR दर्ज कराई है।

  • BNS की धारा 117: इस अपराध की सज़ा सात साल तक की जेल और या जुर्माना
  • BNS की धारा 115 : इस अपराध की सज़ा एक वर्ष तक की जेल और या जुर्माना
  • BNS की धारा 125 (दूसरों के जीवन को खतरे में डालना): इस अपराध की सज़ा तीन साल तक की जेल की सज़ा या फिर 10,000 रुपये तक का जुर्माना।
  • BNS की धारा 131 (आपराधिक बल प्रयोग): तीन महीने की जेल या 1000 रुपये तक का जुर्माना
  • BNS की धारा 351(आपराधिक धमकी): सात साल की सजा, जेल या जुर्माना
  • BNS की धारा 3(5) : यह धारा केवल यह स्थापित करती है कि जब कोई आपराधिक कृत्य कई व्यक्तियों द्वारा एक सामान्य मकसद को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है, तो प्रत्येक व्यक्ति उस कृत्य के लिए उसी तरह उत्तरदायी होगा जैसे कि वह कृत्य उसके अकेले द्वारा किया गया हो।

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क्या राहुल गांधी हो सकते हैं गिरफ्तार

  • राहुल गांधी के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उनमें से धारा 117 और 125 संगीन अपराध की श्रेणी में आते हैं। ये ऐसे अपराध जिनके लिए पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है। हालांकि, गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है। 2014 के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसे अपराधों में गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं हो सकती, जिनमें सात साल तक की जेल की सज़ा हो सकती है।

जिन धाराओं के खिलाफ राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है, वे सभी अपराध जमानती हैं, मतलब ये कि इन आरोपों में आरोपी को जमानत मिल सकती है, क्योंकि वह उसका अधिकार होता है। इसलिए, अगर राहुल को गिरफ्तार भी किया जाता है, तो भी इस बात की पूरी संभावना है कि वह जमानत पर बाहर आ जाएंगे।

क्या राहुल गांधी की जाएगी सदस्यता?

एक सवाल यह भी है कि क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता जा सकती है, तो बता दें कि ऐसा तभी हो सकता है, जब वे दोषी ठहराए जाते हैं और उन्हें दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है। यह वह प्रावधान था जिसके तहत पिछले साल सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के बाद राहुल को सांसद के रूप में बहाल कर दिया गया था।