राफेल  विमान खरीद के मामले में जांच को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद  भी याचिकाकर्ता अरुण शौरी , यशवंत सिन्हा और प्रशांत भूषण अभी भी सीबीआई जांच की मांगपर अड़े हुए हैं। उनकी इस मांग को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमणयम स्वामी ने निशाना साधा है।

स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा है। ‘बुद्धू’  शौरी और यशवंत मजिस्ट्रेट के पास क्यों नहीं जाते और जाकर सीआरपीसी के तहत एक निजी शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराते। वह ऐसा क्यों चाहते हैं कि कोई और जांच एजेंसी ऐसा करे। ये आलसी हैं या जानते ही नहीं है केस के बारे में?

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि इस पूरी डील में अभी भी कई परतें खुलना बाकी है। कांग्रेस मामले की जेपीसी जांच की मांग कर रही है। स्वयं राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर मामले की जांच की मांग की है।

दरअसल, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि मामले में दायर की पुनर्विचार याचिकाएं आधारहीन हैं। इस बेच में जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल थे। राहुल गांधी ने सुनवाई के दौरान केएम जोसेफ के बयान का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।

बता दें कि खंडपीठ में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस एस के कौल भी शामिल थे। तीनों जजों ने भले ही अपने पुराने फैसले की समीक्षा करने से इनकार कर दिया हो लेकिन जस्टिस जोसेफ ने मामले में एक अलग निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही मामले की समीक्षा की अर्जी रद्द कर दी गई है लेकिन यह सीबीआई द्वारा जांच किए जाने की राह में रोड़ा नहीं बनेगा। उन्होंने अपने फैसले में लिखा है कि यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 ए के तहत पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने के बाद दस्तावेज़ पर कार्रवाई करने से सीबीआई के “रास्ते में अवरोध खड़ा नहीं करेगा।”