History of Radio Ceylon: रेडियो प्रसारण की दुनिया में अगर किसी नाम ने भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल की, तो वह था रेडियो सीलोन (Radio Ceylon)। यह दक्षिण एशिया का सबसे पुराना रेडियो स्टेशन (The Oldest Radio Station in South Asia) था, जिसका प्रसारण ब्रिटिश कालीन सीलोन (अब श्रीलंका) की राजधानी कोलंबो (Colombo) से होता था। इसकी स्थापना 1925 में हुई और 1950 से 1980 के दशक तक यह भारत और पड़ोसी देशों में बेहद लोकप्रिय रहा।

रेडियो सीलोन का स्वर्णिम युग, भाषा और प्रभाव (The Golden Age of Radio Ceylon, Language and Influence)

रेडियो सीलोन की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। उस समय यह एक सरकारी रेडियो सेवा थी, जो मुख्य रूप से सीलोन (अब श्रीलंका) में संचार और मनोरंजन के लिए इस्तेमाल होती थी।

? स्थापना: 1925 (दक्षिण एशिया का सबसे पुराना रेडियो स्टेशन)
? स्थान: कोलंबो, सीलोन (अब श्रीलंका)
? स्वर्णिम युग: 1950-1970 के दशक
? मुख्य भाषाएं: हिंदी, तमिल, सिंहली और अंग्रेज़ी
? लोकप्रियता का कारण: भारतीय फिल्मी गानों और मनोरंजन कार्यक्रमों का प्रसारण

कैसे बना रेडियो सीलोन श्रोताओं का नया हमसफर

1950 और 60 के दशक में जब ऑल इंडिया रेडियो (AIR) ने हिंदी फिल्मी गानों के प्रसारण पर सख्त पाबंदियां लगाईं, तब भारतीय श्रोताओं के लिए रेडियो सीलोन एक नया और रोमांचक जरिया बनकर उभरा। सरकार और ऑल इंडिया रेडियो की नीति थी कि रेडियो को शैक्षिक, सांस्कृतिक और गंभीर विषयों तक सीमित रखा जाए, इसलिए फिल्मी गानों की बजाय शास्त्रीय संगीत, समाचार और सरकारी कार्यक्रमों को अधिक प्राथमिकता दी गई। 1952 में तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री बी.वी. केसकर ने तो AIR से फिल्मी गानों को पूरी तरह हटाने की कोशिश भी की, जिससे मनोरंजन के लिए रेडियो सुनने वालों में निराशा फैल गई।

Radio Ceylon vs Vividh Bharti: यही वह दौर था जब रेडियो सीलोन ने इस मौके को भुनाया और बिना किसी प्रतिबंध के हिंदी फिल्मी गाने, फरमाइशी कार्यक्रम और विज्ञापन प्रसारित करने शुरू कर दिए। इसके चलते यह स्टेशन न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश तक सुना जाने लगा। खासतौर पर ‘बिनाका गीतमाला (Binaca Geetmala)’ जैसे कार्यक्रमों ने इसे भारतीय श्रोताओं के बीच अपार लोकप्रियता दिलाई। AIR की सख्ती के चलते रेडियो सीलोन भारतीयों के लिए संगीत और मनोरंजन का सबसे पसंदीदा माध्यम बन गया और दशकों तक इसका क्रेज बना रहा।

? मुख्य प्रसारण केंद्र: एकाला (Ekala) कोलंबो शहर, श्रीलंका
? संचालन: श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (SLBC)
? प्रसिद्ध उद्घोषक: अमीन सायानी, गोकुल मोहन भट्टाचार्य, मंजरी घोष

प्रमुख कार्यक्रम
रेडियो सीलोन (Radio Ceylon) के कई कार्यक्रम भारतीय उपमहाद्वीप में बेहद लोकप्रिय थे। इनमें सबसे अधिक प्रसिद्ध था बिनाका गीतमाला (Binaca Geetmala), जिसे अमीन सायानी ने होस्ट किया।

बिनाका गीतमाला – अमीन सायानी का यह कार्यक्रम भारत में बेहद लोकप्रिय था।
पुराने गानों के फरमाइशी कार्यक्रम – श्रोताओं की फरमाइश पर गाने बजाए जाते थे।
समाचार और मनोरंजन कार्यक्रम – हिंदी और अंग्रेजी में समाचार और कहानियों का प्रसारण होता था।

रेडियो सीलोन का अंतिम प्रसारण (Last broadcast of Radio Ceylon)

रेडियो सीलोन का अंतिम प्रसारण 30 सितंबर 1972 को हुआ था। इसके बाद, इसे श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (SLBC) के नाम से पुनः ब्रांड किया गया और यह सरकारी नियंत्रण में चला गया। हालांकि, SLBC ने कुछ समय तक रेडियो सीलोन के लोकप्रिय कार्यक्रम जारी रखे, लेकिन 1980 के दशक तक इसकी लोकप्रियता कम हो गई। तब तक भारत में विविध भारती और अन्य रेडियो स्टेशनों की लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। 1990 के दशक में भारतीय एफएम और सैटेलाइट रेडियो के आने से इसका प्रभाव लगभग खत्म हो गया।

बिनाका गीतमाला क्या है (What is Binaca Geetmala)

बिनाका गीतमाला रेडियो सीलोन का सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम था, लेकिन यह 1990 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) विविध भारती पर शिफ्ट हो गया और 1994 तक चलता रहा।

कब शुरू हुआ और कब खत्म हुआ?

1952: बिनाका गीतमाला की शुरुआत रेडियो सीलोन पर हुई।
1972: रेडियो सीलोन का नाम बदलकर श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (SLBC) कर दिया गया।
1988: बिनाका गीतमाला का नाम बदलकर सिबाका गीतमाला (Cibaca Geetmala) हो गया।
1990: यह कार्यक्रम ऑल इंडिया रेडियो (विविध भारती) पर शिफ्ट हो गया और 1994 तक चला।
1994: अमीन सायानी ने इस शो का आखिरी एपिसोड होस्ट किया, और यह बंद हो गया।

Binaca Geetmala Legacy

1976 में बिनाका ब्रांड ने भारत से अपना कारोबार समेट लिया, लेकिन उसका नाम श्रोताओं की जुबान पर इस कदर चढ़ चुका था कि कार्यक्रम का नाम बिनाका गीतमाला” और “हिट परेड” ही चलता रहा। 1988 में आधिकारिक रूप से इसका नाम बदलकर “सिबाका गीतमाला ((Sibaka Geetmala))” कर दिया गया, क्योंकि सिबाका टूथपेस्ट इसके नए प्रायोजक के रूप में सामने आया। हालांकि, श्रोताओं के लिए यह बदलाव महज कागजी साबित हुआ, क्योंकि उनके लिए यह अब भी वही पुराना “बिनाका गीतमाला” था। दशकों से लाखों लोगों के दिलों में बसी इस रेडियो लिस्टिंग को नए नाम से अपनाना उनके लिए आसान नहीं था।

बिना स्पॉन्सर के भी बना रहा लोकप्रिय कार्यक्रम

1990 के दशक में जब यह कार्यक्रम विविध भारती (AIR) पर लौटा, तो एक दिलचस्प बदलाव हुआ-अब कोई ब्रांड इसे स्पॉन्सर नहीं कर रहा था, इसलिए इसका नाम फिर से “बिनाका गीतमाला” रख दिया गया। 1993 से 1994 तक अमीन सायानी ने इसे होस्ट किया और फिर इसका आखिरी एपिसोड प्रसारित हुआ। तकनीकी रूप से 1988 से 1993 के बीच इसे “सिबाका गीतमाला” कहा गया, लेकिन श्रोताओं के दिलों में यह हमेशा “बिनाका गीतमाला” ही बना रहा।

रेडियो सीलोन का मौजूदा हाल

आज SLBC (पूर्व रेडियो सीलोन) एक सरकारी रेडियो नेटवर्क के रूप में कार्य करता है, लेकिन उसकी पुरानी लोकप्रियता अब नहीं रही। इंटरनेट और डिजिटल मीडिया के दौर में इसकी पहुंच सीमित हो गई है।

रेडियो सीलोन सिर्फ एक रेडियो स्टेशन नहीं था, बल्कि यह भारतीय उपमहाद्वीप के लाखों श्रोताओं के लिए मनोरंजन, संगीत और खबरों का प्रमुख स्रोत था। आज भले ही यह इतिहास का हिस्सा बन चुका हो, लेकिन **रेडियो सीलोन और बिनाका गीतमाला की मधुर धुनें आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं।

Who is Ameen Sayani? रेडियो जगत के सुनहरे युग के बेमिसाल सितारे अमीन सयानी

भारतीय रेडियो प्रसारण के इतिहास में यदि किसी एक नाम ने सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल की, तो वह है अमीन सयानी। 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में जन्मे सयानी ने अपनी मधुर, प्रभावशाली और चुंबकीय आवाज से लाखों श्रोताओं को मोहित किया। रेडियो पर उनकी प्रस्तुति की शैली इतनी अनूठी थी कि लोग उन्हें सुनने के लिए रेडियो से चिपक जाते थे। उनकी पहचान “जी हां बहनों और भाइयों मैं आपका दोस्त अमीन सायानी बोल रहा हूं और आप सुन रहे हैं बिनाका गीतमाला” कहने के अंदाज से बनी, जो जल्द ही हर भारतीय घर में पहचाना जाने लगा। सयानी का सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘बिनाका गीतमाला’ था, जिसकी शुरुआत 1952 में हुई और यह शो अगले चार दशकों तक श्रोताओं की पसंद बना रहा। यह शो सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी बेहद लोकप्रिय था।

मुंबई में रिकॉर्डिंग और कोलंबो से प्रसारण

अमीन सयानी का यह मशहूर शो रेडियो सीलोन से प्रसारित होता था, लेकिन इसकी रिकॉर्डिंग मुंबई में होती थी और फिर इसे टेप के रूप में प्रसारण के लिए कोलंबो भेजा जाता था। यह शो इतना लोकप्रिय था कि हर बुधवार को जब इसका प्रसारण होता, तो लोग अपने कामकाज छोड़कर इसे सुनने बैठ जाते। उन्होंने 1952 से 1994 तक इस शो की मेजबानी की, जिससे वे भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े रेडियो सितारों में से एक बन गए। 1990 के दशक में जब ‘बिनाका गीतमाला’ को ऑल इंडिया रेडियो के विविध भारती पर स्थानांतरित किया गया, तब भी इसे अमीन सयानी ने ही होस्ट किया। इसके अलावा, उन्होंने ‘सिबाका गीतमाला’, ‘हिट परेड’ और विविध भारती के कई अन्य लोकप्रिय कार्यक्रमों को भी होस्ट किया, जो उनकी आवाज की लोकप्रियता को दर्शाता है।

How many radio programs Ameen Sayani hosted?

सिर्फ रेडियो ही नहीं, अमीन सयानी ने वॉयसओवर इंडस्ट्री में भी अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने अपने करियर में 54,000 से अधिक रेडियो कार्यक्रमों की मेजबानी की और लगभग 19,000 जिंगल्स में वॉयसओवर दिया, जो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज एक अविश्वसनीय उपलब्धि है। वे न केवल एक उत्कृष्ट उद्घोषक थे, बल्कि उन्होंने रेडियो को एक नया आयाम भी दिया। उनके कार्यक्रमों ने न सिर्फ हिंदी फिल्मी संगीत को लोकप्रिय बनाया, बल्कि रेडियो की दुनिया को भी अधिक जीवंत और मनोरंजक बनाया।

20 फरवरी 2024 को 91 वर्ष की उम्र में अमीन सयानी का निधन हो गया, लेकिन उनकी आवाज और विरासत अमर रहेगी। उनकी प्रस्तुति शैली, प्रभावशाली आवाज और श्रोताओं से जुड़ने की अनूठी क्षमता उन्हें रेडियो की दुनिया का एक अमर सितारा बनाती है। आज भी जब कोई पुरानी रिकॉर्डिंग में उनकी आवाज सुनता है, तो वह रेडियो के सुनहरे दौर की यादों में खो जाता है। अमीन सयानी सिर्फ एक उद्घोषक (Announcer) नहीं, बल्कि भारतीय मनोरंजन जगत का एक महत्वपूर्ण अध्याय थे, उनकी आवाज और विरासत हमेशा श्रोताओं के दिलों में गूंजती रहेगी।