पूरा देश कोरोना संकट के जूझ रहा है। कोविड से बचाव के लिए समय-समय पर एम्स और आईसीएमआर की तरफ से गाइडलाइन जारी किये जाते हैं। देश भर में स्वास्थ्यकर्मियों और आम लोगों की तरफ से इसका पालन किया जाता है। एम्स की गाइडलाइंस पर आर्मी के डॉक्टर ने सवाल खड़ा किया है। डॉक्टर ने कहा है कि इससे जान और माल दोनों को नुकसान हो रहा है।

आर्मी के डॉक्टर मेजर जनरल डॉक्टर वीके सिन्हा ने सवाल खड़ा करते हुए एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि एम्स की बदलती गाइडलाइन ने लोगों को जान माल दोनों का नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि एम्स की तरफ से समय-समय पर गाइडलाइन में परिवर्तन किया गया है और कहा गया है कि पिछला गाइडलाइन अधिक प्रभावी नहीं था। उन्होंने कहा कि मैं धर्म से एक चिकित्सक हूं, जिसके अंदर सवाल करने की आदत है।

रणदीप गुलेरिया को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि आप निश्चय ही आज घर-घर में जाने जाते हैं। आप इसके हकदार भी हैं। आप इस आपातकाल में देश को राह दिखा रहे हैं। आप एम्स के निदेशक हैं। आपकी बातों को पूरी चिकित्सा बिरादरी अटल सत्य के तौर पर देखती है। इसलिए आपकी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है।

मेजर जनरल डॉक्टर वीके सिन्हा आइवरमेक्टिन दिए जाने के निर्देश पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सात अप्रैल 2021 को जारी निर्देश में आइवरमेक्टिन देने की बात कही देश भर के डॉक्टरों ने इसका पालन किया लेकिन मार्च में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल के लिए मौजूदा साक्ष्य अनिर्णायक है। उन्होंने आरोप लगाया कि आपने डब्लूएचओ के दिशा- निर्देश पर भी ध्यान नहीं दिया यह मेरे समझ से परे है। उन्होंने रेमडेसिविर देने की सिफारिश को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि डब्लूएचओ ने पिछले साल नवंबर में ही इसे कोविड की दवाओं की सूची से हटा दिया था।

स्टेरॉयड के उपयोग को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया है। सिन्हा ने कहा कि देश की राजधानी से लेकर गांवों तक डॉक्टर स्टेरॉयड लिख रहे हैं। जिसके बैक्टीरिया और फंगस संक्रमण के रूप में विनाशकारी परिणाम सामने आ रहे हैं।