Punjab Politics: पंजाब के कुछ इलाकों में रविवार सुबह अखबारों के वितरण में देरी हुई क्योंकि पुलिस ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को वाहनों और खासकर कॉमर्शियल वाहनों की जांच की थी। इसको लेकर पंजाब पुलिस ने स्पष्ट किया कि उसने विशिष्ट खुफिया जानकारी के बाद विभिन्न सामान ले जा रहे वाहनों की जांच की थी लेकिन विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा है।

पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि पंजाब भर में अखबार का वितरण करने से जुड़ी वैन पर छापेमारी प्रेस की स्वतंत्रता पर एक भयानक हमला हैं। दूसरी ओर बीजेपी की पंजाब यूनिट के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने इसे मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब में अघोषित आपातकाल करार दिया और दावा किया कि शीश महल 2.0 की खबर से घबराकर, ‘आप’ सरकार ने मीडिया पर हमला किया।

आज की बड़ी खबरें

अकाली दल ने भी बोला हमला

इस मामले में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दावा किया कि सरकार ने समाचार पत्र ले जा रहे वाहनों को निशाना बनाया क्योंकि वे नहीं चाहते कि कोई उनके खिलाफ लिखे। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम प्रेस की स्वतंत्रता के साथ खड़े हैं। पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि वाहनों की जांच राजपत्रित अधिकारियों की देखरेख में चुनिंदा बिंदुओं पर सुव्यवस्थित तरीके से की गई, जिससे जनता को कोई असुविधा नहीं हुई।

यह भी पढ़ें: ‘RJD ने कांग्रेस की कनपट्टी पर कट्टा रख कर सीएम पद चोरी कर लिया’, पीएम मोदी ने बिहार में बताई अंदर की बात

पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य है और यह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिशों का निशाना बन रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि आईएसआई ‘छद्म युद्ध’ के जरिए भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रही है जिसके तहत सीमा पार से ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ, हथियार और विस्फोटक प्रदार्थ भेजे जाते हैं जिन्हें अलग-अलग वाहनों से आगे पहुंचाया जाता है।

यह भी पढ़ें: ‘पहले घर में झांक के देखो’ पंजाब के ‘शीश महल’ को लेकर सीएम भगवंत मान ने किया BJP पर पलटवार

पंजाब पुलिस ने जारी किया बयान

इस बयान में प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्र-विरोधी ताकतें अपनी कार्यप्रणाली में नवीनता ला रही हैं और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी गतिविधियों की तीव्रता और प्रयास बढ़ गए हैं।” उन्होंने कहा,“वर्तमान आंतरिक सुरक्षा-स्थितियों को देखते हुए, एक सक्रिय और ऊर्जावान आंतरिक सुरक्षा नेटवर्क की आवश्यकता को कम करके नहीं आंका जा सकता।

यह भी पढ़ें: ‘मुवक्किल के अपराधों पर वकील से पूछताछ नहीं कर सकती जांच एजेंसी’, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बताई वजह

इस विवाद पर चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने एक बयान में कहा कि वह पंजाब के विभिन्न जिलों में समाचार पत्र ले जाने वाले वाहनों को रोकने की पुलिस कार्रवाई” की कड़ी निंदा करता है। बयान में कहा गया है। कई मामलों में, समाचार पत्र वितरण वाहनों को कथित तौर पर पुलिस थानों में ले जाया गया, जिससे वितरण कार्य से जुड़े कर्मचारियों का अनावश्यक उत्पीड़न हुआ और समाचार पत्र वितरण में देरी हुई।

इसमें कहा गया कि गुरदासपुर, पटियाला, अमृतसर, होशियारपुर और अन्य जिलों से खबरें मिली हैं, जहां समाचार पत्र वितरण या तो विलंबित हुआ या पूरी तरह से रोक दिया गया।’’ बयान के मुताबिक,“ऐसी कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले और राज्य मशीनरी के माध्यम से सूचना के स्वतंत्र प्रवाह को नियंत्रित करने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।

यह भी पढ़ें: दिनदहाड़े हत्या के बाद थाने के सामने से कैसे गुजरा आरोपी? तेजस्वी यादव ने दुलारचंद यादव मर्डर केस को लेकर उठाए सवाल