लुधियाना में हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने अंतिम राउंड मतगणना के बाद करीब 10,676 वोटों से जीत हासिल की। ये चुनाव देश में हुए पांच सीटों पर उपचुनाव के साथ ही हुआ। केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल में एक-एक और गुजरात में दो सीटों पर चुनाव हुए। लुधियाना में इस वजह से चुनाव हुए क्योंकि जनवरी में 57 साल के आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की लाइसेंसी पिस्तौल से सिर में गोली लगने से मौत हो गई थी।

चुनाव से पहले ऐसा माना जा रहा था कि प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर चल रही है। चूंकि फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप की करारी हार हुई थी। उस दौरान दिल्ली और पंजाब की पूरी टीम ने खूब मेहनत की थी। इसके बाद ये चुनाव काफी अहम था। पंजाब में भी मान सरकार के खिलाफ काफी समय से आंदोलन चल रहा है। हालांकि इस जीत ने कई मुद्दों को तय किया जिस जिसकी चर्चा हो रही है। इन्हीं वजहों से आपको जीत मिली। आइए जानते हैं क्या मुख्य वजह-

अरोड़ा ने विधानसभा में बनाए रखी मजबूती

साल 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला और भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार बनी। जिसके बाद हुए राज्यसभा चुनाव में पार्टी ने बिजनेस मैन संजिव अरोड़ा को संसद भेजा। संसद में जाने के बाद अरोड़ा ने लगातार स्थानीय मुद्दों को उठाया और लुधियाना पश्चिम में अपनी उपस्थिति मजबूत बनाए रखी। उन्होंने संसद में नेशनल हाइवे और निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटों का मामला संसद में उठाया।

इसी को ध्यान में रखते हुए आप ने अरोडा को लुधियाना वेस्ट उम्मीदवार बनाया। उन्होंने अपने एमपीएलएडी फंड से विभिन्न स्थानीय विकास परियोजनाओं को वित्तपोषित किया, जो स्कूलों, कॉलेजों और नागरिक बुनियादी ढांचे पर केंद्रित थे। यह धारणा कि वह अकसर जनता के साथ बातचीत करते थे। आम लोगों से मिलते जुलते रहते हैं।

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समय से पहले ही उम्मीदवार की घोषणा

जिस समय चुनाव को लेकर कोई सुगबुगाहट भी नहीं थी उसी समय से आप पूरी तरह से कमर कस चुकी थी। दिल्ली में हार के बाद फरवरी के महीने में ही पार्टी ने अरोड़ा को उम्मीदवार बना दिया। समय से पहले ही प्रत्याशी घोषित होने की वजह से अरोड़ा को महत्वपूर्ण बढ़त मिली। प्रचार के लिए पर्याप्त समय मिला, जिससे कि उन्होंने लोगों से अपनी पहचान बनाई और मतदाताओं से जुड़े।

मंत्री बनाए जाने का वादा

चुनाव प्रचार के दौरान आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रचार के दौरान घोषणा कर दी कि अगर अरोड़ा चुनाव जीत जाते हैं तो उन्हें पंजाब सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। इस बात ध्यान में रखते हुए मतदाताओं ने दिलचस्पी दिखाई। चुनाव अभियान में पार्टी ने सकारात्मक संदेश पर ध्यान केंद्रित किया और मुद्दों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया। पार्टी के नेताओं ने विपक्ष की हमलों से परहेज किया गया और जो मतदाताओं को प्रभावित कर सकते थे उन मुद्दों पर ध्यान दिया। हालांकि, केजरीवाल, भगवंत मान और अन्य लोगों ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला जारी रखा।

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पंजाब से दिल्ली तक पार्टी ने किया प्रचार

लुधियाना चुनाव को पार्टी ने अपने स्वाभिमान के तरीके से लिया और आप ने इस अभियान में पूरी ताकत झोंक दी। पंजाब में सभी 93 विधायक, सीएम मान और मनीष सिसोदिया तथा दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी जैसे वरिष्ठ नेता सक्रिय रूप से शामिल थे। उनके कई रोड शो और जमीनी स्तर पर कार्यक्रम किए। पार्टी की मेहनत ने लुधियाना वेस्ट में अरोड़ा की राह आसान कर दी। वहीं विपक्ष ने चुनाव को लेकर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया और वोटरों को लुभाने के लिए राशन, पैसा, सूट और साड़ियों जैसी मुफ्त चीजें बांटी। जिसके वजह से उनको जीत मिली।

हाल ही में हुए चुनावी जीत का मिला लाभ

बीते साल 2024 के दिसंबर में लुधियाना नगर निगम के चुनाव हुए थे, जिसमें आप को लुधियाना पश्चिम के 17 में से 10 वार्ड में जीत मिली। जबकि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी ने लुधियाना शहर की सभी छह सीटों पर जीत हासिल की थी। नगर निगम में जीत के बाद से ​​स्थानीय स्तर पर पार्टी के वार्ड पार्षदों और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं का एक विश्वसनीय कैडर दिया। जिसके दम पर आप ने इस सीट पर स्पष्ट संगठनात्मक बढ़त के साथ उपचुनाव में प्रवेश किया। चुनाव में पार्टी ने “आप की सरकार, आप का विधायक” का नारा दिया। इस नारे से यह संदेश गया कि क्षेत्र में रुके हुए विकास कार्यों या अन्य मुद्दों का समाधान किया जाएगा।

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सहानुभूतिपूर्ण मतदाता भावना और निरंतरता कारक

जनवरी 2025 में गोगी की मृत्यु के बाद उपचुनाव हुआ। वह निर्वाचन क्षेत्र में लोकप्रिय और सम्मानित थे, जिसके परिणामस्वरूप मतदाताओं के बीच सहानुभूति कारक था, जिनमें से कई ने फिर से AAP का समर्थन करके निरंतरता को प्राथमिकता दी। अरोड़ा ने गोगी की विरासत को आगे बढ़ाने का भी वादा किया।