Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा सीमा पर चल रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच पंजाब सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है। अपने पत्र में पंजाब सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्तक्षेप की मांग की है।

पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां द्वारा लिखे गए पत्र में किसान प्रतिनिधि जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल पर भी प्रकाश डाला गया है, जो 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं। बता दें, किसान नेता डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पंजाब सरकार को फटकार लगा चुका है।

पंजाब सरकार ने यह पत्र 20 दिसंबर को लिखा था।जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों से कहा था कि यदि आवश्यक हो तो डल्लेवाल को अस्पताल ले जाया जाएं। हालांकि, इस सप्ताह मंत्रालय में पत्र प्राप्त हुआ। हालांकि, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया है, उन्होंने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान डल्लेवाल के अनशन पर सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि उनका मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कार्रवाई करेगा।

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किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि वह हर मंगलवार को किसान संगठनों से मिलते और बातचीत करते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेतृत्व में किसान पिछले साल फरवरी से पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

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वहीं, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार से अपना “अड़ियल रवैया” छोड़ने और किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की मांगों पर ध्यान देने का आह्वान किया। जिनकी किसानों की पुरानी शिकायतों को लेकर भूख हड़ताल के दौरान तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ रही है।

शुक्रवार को अपने घर पर पत्रकारों से बात करते हुए हुड्डा ने “डल्लेवाल के विरोध की निस्वार्थता” पर जोर दिया। हुड्डा ने डल्लेवाल के बारे में कहा कि वह निजी लाभ के लिए नहीं, बल्कि किसानों की जायज मांगों के लिए अनशन कर रहे हैं। उनका जीवन अनमोल है और सरकार को इसे बचाने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि विशेष रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के बारे में किसानों की मांगें वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने MSP का वादा करके पहले किसान आंदोलन को समाप्त कर दिया। किसान अब सरकार को उसके वादे की याद दिला रहे हैं। पूर्व सीएम ने भाजपा पर स्वामीनाथन फॉर्मूले के तहत किसानों की आय दोगुनी करने सहित अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि आय दोगुनी करने के बजाय सरकार ने किसानों की लागत कई गुना बढ़ा दी है। उन्होंने स्वामीनाथन रिपोर्ट के कार्यान्वयन के लिए कांग्रेस के लंबे समय से चले आ रहे “समर्थन” को दोहराया। हुड्डा ने कांग्रेस की “किसान हितैषी पहलों” की तुलना भाजपा की नीतियों से की और सत्तारूढ़ पार्टी पर राजनीतिक दिखावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा किसानों को प्राथमिकता दी है। हमारे कार्यकाल के दौरान, हरियाणा के किसानों को केवल 10 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिली, जो देश में सबसे कम दर है। भाजपा शासित राज्यों में इस तरह के लाभ नहीं हैं।

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