पंजाब में विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में मतभेद अब साफ हो गए हैं। राज्य कांग्रेस नेतृत्व ने यह साफ कर दिया है कि वह आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ काम करने को इच्छुक नहीं है, जो वर्तमान में राज्य पर शासन कर रही है। राज्य इकाई के कुछ नेता इस बात पर जोर देते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को हराना महत्वपूर्ण है और पंजाब कांग्रेस नेतृत्व अदूरदर्शी नहीं हो सकता।
गुरुवार को यूथ कांग्रेस के एक कार्यक्रम में विपक्ष के नेता कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, “कांग्रेस के लोग, ये जो नई जमात आई है इनका चेहरा देखने को राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जैसे बिना मर्जी की दोस्ती जो होती है। बिना मर्जी की शादी जब आप करवाते हो तो वो शादी दोनों परिवार को नुकसान देती है। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता पंजाब विरोधी लोगों के साथ कोई दूर-दूर का रिश्ता नहीं रखना चाहते।
भगवंत मान की तुलना एडोल्फ हिटलर से
बाजवा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तुलना एडोल्फ हिटलर से की और कहा कि मान और आप नेतृत्व पर उन ज्यादतियों के लिए विशेष मुकदमा चलाया जाएगा जो वे कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब कांग्रेस राज्य में सत्ता में आएगी हम दीमकों को ख़त्म करने की व्यवस्था करेंगे।” प्रताप सिंह बाजवा ने मंच पर मौजूद यूथ कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बी वी से इस दृष्टिकोण को आलाकमान तक पहुंचाने का अनुरोध किया।
यह दूसरी बार है जब पंजाब कांग्रेस नेता ने आधिकारिक तौर पर गठबंधन का विरोध किया है। जून में राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन के बारे में बातचीत शुरू होने के तुरंत बाद बाजवा ने अपनी आपत्तियां व्यक्त करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। हालांकि उन्होंने गठबंधन के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं कहा।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने राज्य इकाई के विचारों से आलाकमान को अवगत कराया था और उम्मीद थी कि पार्टी आलाकमान उन पर विचार करेगा। पार्टी नेता इस बात से सहमत हैं कि पंजाब में आप के साथ साझेदारी से कई समस्याएं पैदा होंगी।
हम ख़त्म हो जायेंगे और बीजेपी को बढ़त मिल जायेगी- कांग्रेस नेता
नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, “अगर गठबंधन होता है तो एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर करना मुश्किल होगा। आप कैडर का एक हिस्सा अपनी जड़ें कांग्रेस से जोड़ता है। वहीं कांग्रेस अपने वोट बरकरार रखना चाहेगी। हम गठबंधन में पार्टी के लिए काम करने के बजाय राज्य में सत्तारूढ़ सरकार बनना पसंद करेंगे। हम ख़त्म हो जायेंगे और बीजेपी को बढ़त मिल जायेगी।”
कांग्रेस के भोलाथ विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि पंजाब में गठबंधन का ज्यादा महत्व नहीं होगा, जहां भाजपा अप्रासंगिक है। उन्होंने कहा, ”INDIA गठबंधन भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए है। लेकिन पंजाब में बीजेपी कैडर अप्रासंगिक है। बीजेपी यहां एक भी सीट नहीं जीत सकती इसलिए गठबंधन करने का कोई मतलब नहीं है। इस राज्य में INDIA के लिए ख़तरा कहां है?”
गठबंधन से कांग्रेस को फायदा
खैरा ने कहा कि इस लेवल पर आप के साथ समझौता करना पार्टी कैडर के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा, “हमारे पार्टी कार्यकर्ता उन प्रतिशोधात्मक नीतियों के खिलाफ हैं जो मान ने पिछले 18 महीनों में हमारे खिलाफ अपनाई हैं।”
वहीं, कई नेताओं को लगता है कि गठबंधन से कांग्रेस को फायदा हो सकता है। एक नेता ने कहा कि चूंकि आप कैडर कांग्रेस के आधार से आया है, इसलिए यह आखिरकार कांग्रेस के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग गठबंधन का विरोध कर रहे हैं वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि गठबंधन का विरोध करने वाले लोग राज्य की राजनीति के समीकरणों को देख रहे हैं और 2024 में भाजपा को सत्ता से बाहर रखने की बड़ी तस्वीर के बारे में नहीं सोच रहे हैं।