NITI Aayog Meeting: आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इंडिया ब्लॉक के साथ आने का फैसला किया है। यही वजह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
आम आदमी पार्टी यह फैसला बुधवार को आया है। जिसके एक दिन पहले मंगलवार को इंडिया ब्लॉक ने आरोप लगाया था कि वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में गैर-एनडीए शासित राज्यों की अनदेखी की गई है और इसके बाद कांग्रेस और डीएमके ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की थी।
आप प्रवक्ता ने कहा कि वे इंडिया ब्लॉक के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब इंडिया ब्लॉक ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया, तो पंजाब के सीएम भी इससे दूर रहेंगे। गठबंधन से अलग रुख अपनाने का कोई मतलब नहीं है।
कांग्रेस शासित राज्यों के तीन मुख्यमंत्री – रेवंत रेड्डी ( तेलंगाना ), सिद्धारमैया ( कर्नाटक ) और सुखविंदर सिंह सुखू (हिमाचल प्रदेश) और डीएमके के एमके स्टालिन ( तमिलनाडु ) नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
राज्य सरकार नीति आयोग की बैठक के लिए मान के भाषण की तैयारी कर रही थी। हालांकि, बुधवार शाम तक यह स्पष्ट नहीं था कि इंडिया ब्लॉक का घटक होने के नाते आप इसमें शामिल होगी या नहीं। दिल्ली और पंजाब में AAP की सरकार है।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में भाग लेंगी। हम सोच रहे हैं कि क्या पंजाब के मुख्यमंत्री भी जाएंगे। हमें मुख्यमंत्री के भाषण के साथ तैयार रहने को कहा गया है।
अधिकारी ने बताया कि बैठक में यह तय हुआ कि मुख्यमंत्री केंद्र के समक्ष लंबित 10,000 करोड़ रुपये का मुद्दा उठाएंगे। रुके हुए 10,000 करोड़ रुपये में अकेले ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) और मंडी विकास निधि (एमडीएफ) के 6,767 करोड़ रुपये शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा, “आप के राज्यसभा नेता संजय सिंह मंगलवार शाम को इंडिया ब्लॉक की बैठक में शामिल थे, लेकिन उन्होंने बैठक में शामिल न होने का फैसला किया। हम इंतजार कर रहे हैं।”
आप प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा, ‘आप के राष्ट्रीय सचिव (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने नीति आयोग की बैठकों के महत्व को बताया।’
इससे पहले दिन में पाठक ने कहा था, “नीति आयोग की बैठक में सांसदों को आमंत्रित किया जाता है; चर्चा और विचार-विमर्श होता है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता। बजट सरकार के विजन को दर्शाता है…नीति आयोग की बैठकों में कभी क्या मौलिक या महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है? बैठक में बस एक बात पर चर्चा होती है कि कैसे एक राज्य को पीछे धकेला जा सकता है। अगर सरकार का रवैया इतना असहयोगी है, तो उन्हें बताया जाना चाहिए कि वे गलत कर रहे हैं।”
पाठक ने कहा, “आज केंद्र की मोदी सरकार संकीर्ण सोच के साथ राजनीति कर रही है। हमें सरकार को जगाने की जरूरत है। उन्हें बताना होगा कि वे जो कर रहे हैं, वह गलत है। अगर देश का बजट इसी तरह से तैयार होगा तो देश तरक्की कैसे करेगा?”
आप के एक नेता ने कहा कि पाठक का बयान इस बात का संकेत है कि आप शासित राज्य भी बैठक का बहिष्कार कर सकते हैं। “हालांकि, यह पंजाब के सीएम के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सामने पंजाब के साथ भेदभाव का मुद्दा उठाने का एक अवसर था। भाषण तैयार था। यह तय किया गया था कि हम अपने दृष्टिकोण में स्पष्ट रहेंगे और अन्य राज्यों के सीएम को पंजाब के प्रति केंद्र के उदासीन व्यवहार के बारे में बताएंगे, जो भारत का खाद्यान्न कटोरा है।”
पिछले साल भी मान ने केंद्र सरकार के साथ आप की तनातनी के बीच केंद्र द्वारा राज्य को रोके गए फंड का भुगतान न करने के विरोध में नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया था।