पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रही कलह को दूर करने के मकसद से गठित समिति के समक्ष शुक्रवार को पहुंच कर अपनी बात रखी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमरिंदर सिंह के इस कदम के साथ ही समिति की संवाद करने की कवायद पूरी हो गई। अब वह आलाकमान को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। हालांकि बैठक के बाद सीएम ने मीडिया को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।

समिति के सामने पेश होने के बाद मीडिया से अमरिंदर सिंह ने कहा कि 6 महीने बाद चुनाव है। इसी के लिए मैं आया। कई तरह की बात हुई। लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ भी डिटेल में बताने से इनकार कर दिया। विवादों के मुद्दे पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैठक में जो हुआ, वो आपको नहीं बताऊंगा।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले चार दिनों में, कांग्रेस के पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है। इनमें अधिकतर विधायक हैं।

खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं। गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

खबरों के अनुसार चर्चा यह भी है कि सिद्धू को सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल करने और उनके साथ ही किसी हिंदू दलित को दूसरा उप मुख्यमंत्री बनाने के फर्मूले पर पार्टी की तरफ से विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद के जरिए कांग्रेस आलाकमान राजनीतिक समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण को साधने के लिए कदम उठा सकता है।

बताते चलें की हाल ही में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में अपनी ताकत दिखाते हुए आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को कांग्रेस की सदस्यता दिला दी। इसमें विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा भी शामिल हैं। इधर पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में चल रही कलह को ‘‘विचित्र राजनीति’’ करार देते हुए भाजपा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब पूरा राज्य कोरोना से प्रभावित है, अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए वह पंजाब के लोगों की अनदेखी का ‘‘पाप’’ कर रही है।

केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पंजाब में क्या विचित्र राजनीति चल रही है? पूरा पंजाब कोरोना से प्रभावित है। वहां टीकों का उचित प्रबंधन नहीं हो रहा है। जांच और अन्य पहलुओं पर भी सरकार का जैसा ध्यान होना चाहिए वह नहीं हो रहा है।’’