फर्ग्युसन कॉलेज परिसर में छात्रों के दो समूहों के बीच बहस के दौरान लगाये गये ‘‘राष्ट्र विरोधी नारों’’ के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की मांग करने वाले फर्ग्युसन कॉलेज के प्रिंसिपल ने बुधवार (23 मार्च) को अपने बयान से पीछे हटते हुए कहा कि उनके कहने का मतलब यह था कि इस बात की जांच की जाए कि ऐसे नारे लगाये गये हैं अथवा नहीं। विवाद के तूल पकड़ने पर घटना पर स्पष्टीकरण देने के लिए राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने प्रिंसिपल को तलब किया है।

प्रिंसिपल आर जी परदेशी ने पुलिस को मंगलवार (22 मार्च) को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि जब जेएनयू के एबीवीपी के अध्यक्ष आलोक सिंह कॉलेज के छात्रों को कन्हैया कुमार प्रकरण पर आयोजित कार्यक्रम ‘‘ट्रुथ ऑफ जेएनयू’’ में संबोधित करने वाले थे उस दौरान दो छात्र समूहों के बीच तीखी नोक-झोंक के दौरान ‘‘राष्ट्र विरोधी नारेबाजी’’ की गई थी।

परदेशी ने मंगलवार (22 मार्च) को सिटी पुलिस को लिखे पत्र में कहा था, ‘‘मैं आपसे कॉलेज परिसर में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने वाले अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।’’ हालांकि बाद में उन्होंने इस पत्र को वापस ले लिया।

परदेशी ने बुधवार (23 मार्च) को अपने बयान से पलटते हुये कहा कि उनकी ओर से पुलिस को लिखे पत्र में ‘‘टंकण संबंधी गड़बड़ी’’ थी और उनका आशय पुलिस से यह अनुरोध करना था कि कॉलेज परिसर में किसी समूह ने देश विरोधी नारेबाजी की या नहीं इसकी जांच की जाए।

डेक्कन जिमखाना पुलिस स्टेशन के निरीक्षक प्रवीन चौगुले ने कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से अपने पूर्व के पत्र को वापस लेने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि उनके पत्र का संशोधित मसौदा अधिकारियों को भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि एबीवीपी की बैठक के जवाब में अंबेडकरवादी संगठनों का एक छात्र समूह कॉलेज परिसर पहुंचा था। पूर्व सांसद और आरपीआई नेता प्रकाश अंबेडकर के पुत्र सुजीत अंबेडकर भी इस घटना के समय उपस्थित थे। उन्होंने कहा ‘‘विरोध प्रदर्शन के दौरान हमने राष्ट्र विरोधी नारे नहीं लगाये।’’ पुलिस ने बताया कि कॉलेज परिसर में प्रदर्शनों के बीच किसी अप्रिय घटना की सच्चाई जांचने के लिए सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

दूसरी ओर, परदेशी ने बताया कि एबीवीवी को परिसर में बैठक करने की अनुमति नहीं दी गयी थी। इस पर एबीवीपी के प्रवक्ता ने कहा कि कॉलेज प्राधिकरण ने उन्हें बताया, कि उन्होंने (कॉलेज प्रशासन ने) इस बैठक को फार्ग्युसन कॉलेज के छात्रों की सामान्य बातचीत समझा था, जिसके लिए किसी औपचारिक मंजूरी की जरूरत नहीं थी।

इससे पहले दिन में विभिन्न संगठनों ने पत्र की आलोचना करते हुए प्रदर्शन किया और एबीवीपी सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। बहरहाल, परदेशी ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘शिक्षा मंत्री ने मुझे समन किया है और मैं मुंबई जा रहा हूं जहां मैं घटना के बारे में बताऊंगा।’’