भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए तनाव के दौरान तुर्की पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आया था। उसने तो अपने हथियार भी पाकिस्तान को दिए। पाकिस्तान तुर्की के दिए हुए ड्रोन से ही भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की लेकिन सारे हमले नाकाम साबित हुए। इस बीच अब भारत में तुर्की का तगड़ा विरोध शुरू हो गया है और मांग ये भी उठने लगी है कि तुर्की से सभी व्यापारिक रिश्ते खत्म किए जाएं।
दूसरी ओर तुर्की के खिलाफ जारी इसी विरोध के तहत पुणे के व्यापारियों ने तुर्की के सेब के आयात से इनकार कर दिया है। सेब व्यापारियों ने तुर्किए के इन सेबों का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। इसके चलते बाजार से तुर्की के सेब पूरी तरह से गायब हो गए हैं।
तुर्की के सेब की गिरी डिमांड
इस बहिष्कार को लेकर पुणे के एपीएमसी के सेब व्यापारी सुयोग झेंडे ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में तुर्की के सेबों की मांग में भारी गिरावट आई है। आम नागरिक भी बॉयकॉट तुर्की अभियान में शामिल हो गए हैं और तुर्की के सेबों के बजाय अन्य जगहों से आने वाले सेब खरीद रहे हैं।
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1200 करोड़ रुपये का है तुर्की के सेबों का व्यापार
तुर्की के सेब को लेकर व्यापारी ने कहा कि तुर्की के सेब यहां लगभग तीन महीने तक बिकते हैं और यह कारोबार लगभग 1200 करोड़ रुपये से अधिक का होता है। जब तुर्की में भूकंप आया था, तब भारत सबसे पहले मदद करने वाला देश था, लेकिन आज वे पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे गद्दार लोगों का सेब हम भारतीय क्यों खाए, इसलिए बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।
दूसरी ओर एक अन्य फल व्यापारी ने बताया कि तुर्की के सेबों की मांग में लगभग 50 फीसदी की गिरावट आई है। लोग खुद ही तुर्की उत्पादों से दूरी बना रहे हैं। खुदरा स्तर पर यह बहिष्कार और भी प्रभावशाली हो रहा है।