रितिका चोपड़ा, असद रहमान, कविता उपाध्याय
पुलवामा हमले के बाद जहां कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया गया, उनमें से कई प्रधानमंत्री की विशेष छात्रवृत्ति योजना (PMSSS) के तहत रियायतें पाते हैं। अब तक सोशल मीडिया पर टिप्पणियों को लेकर निष्काषित या निलंबित किए गए छात्रों में से कम से कम पांच ने PMSSS के जरिए एडमिशन लिया था। जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए देशभर के कॉलेजों, संस्थानों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाने के लिए केंद्र यह मेरिट-आधारित कार्यक्रम चलाता है।
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आधिकारिक दस्तावेजों का एक अध्ययन दिखाता है कि पानीपत का गीता इंजीनियरिंग कॉलेज और मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), रुड़की की क्वांटम यूनिवर्सिटी, मेरठ की का भारत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और गुड़गांव की श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्राईसेनेट्री यूनिवर्सिटी उन शैक्षिक संस्थानों में से हैं जहां कश्मीरी छात्रों के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट्स/कमेंट्स को लेकर कार्रवाई की गई। यह सभी संस्थान PMSSS की सरकारी लिस्ट में शामिल हैं।
मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और भारत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सस्पेंड किए गए दो छात्रों का दाखिला PMSS के जरिए हुआ, इसकी संस्थानों ने पुष्टि की। MIT ने तय किया है कि जुलाई से शुरू हो गए नए सत्र में PMSSS छात्रों को प्रवेश नहीं देगा। रुड़की की क्वांटम यूनिवर्सिटी ने इंस्टाग्राम पर राष्ट्रविरोधी कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में सात कश्मीरी छात्रों को निष्काषित किया था। इनमें से तीन का छात्रवृत्ति योजना के जरिए एडमिशन हुआ था।
गीता इंजीनियरिंग कॉलेज पिछले चार साल से PMSSS योजना के तहत कश्मीरी छात्रों को प्रवेश दे रहा है। यहां पर 17 फरवरी की रात को पड़ोस के कुछ लेागों ने नारेबाजी करते हुए कश्मीरी छात्रों के नाम काटने की मांग की थी। पुलिस ने दखल दिया मगर तब तक कई छात्र डर के मारे घर चले गए। वहीं, श्री गुरु गोविंद सिंह ट्राइसेनेट्री यूनिवर्सिटी ने एक महिला की फेसबुक पोस्ट को आपत्तिजनक बताते हुए उसे निकाल दिया।
2011-12 में यूपीए 2 के समय लाई गई इस योजना में हर साल जम्मू-कश्मीर के 5,000 छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग, फार्मेसी, होटल मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर, आर्किटेक्चर और कॉमर्स में स्नातक करने का मौका दिया जाता है। छात्रों को चुनिंदा संस्थानों में प्रवेश मिलता है जो AICTE या UGC से मान्यता प्राप्त होते हैं। वजीफे में छात्रों को ट्यूशन फी और हॉस्टल, मेस, किताबें और अन्य जरूरी गतिविधियों के लिए गुजारा मिलता है। पिछले चार साल में 9,604 कश्मीरी छात्रों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

