पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी कर विवादों में घिरीं नूपुर शर्मा ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने नई याचिका दाखिल करते हुए कोर्ट से उनके खिलाफ दर्ज 9 एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। उनकी याचिका पर कोर्ट मंगलवार (19 जुलाई, 2022) को सुनवाई करेगा।
नूपुर शर्मा ने अपनी पिछली याचिका में देशभर में विभिन्न जगहों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को दिल्ली मामले के साथ जोड़ने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पहला मामला दिल्ली में दर्ज हुआ था इसलिए दूसरी जगहों पर दर्ज एफआईआर को दिल्ली मामले के साथ ही जोड़ दिया जाए, क्योंकि सभी एफआईआर में आरोप एक जैसे ही हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया था और इसके लिए उन्हें कुछ कड़ी बातें भी सुनाई थीं।
ताजा याचिका में नूपुर शर्मा ने तर्क दिया कि पिछले दिनों कोर्ट की तरफ से की गई कड़ी टिप्पणी के बाद उन्हें और ज्यादा धमकियां मिलने लगी हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद उनके जीवन के लिए खतरा और बढ़ गया है और जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
नूपुर शर्मा की पिछली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, “देशभर में बदतर हालात के लिए आप जिम्मेदार हैं।” इसके बाद शर्मा ने अपनी याचिका वापस ले ली थी। कोर्ट की इस कड़ी टिप्पणी पर देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। हाई कोर्ट के कुछ पूर्व जजों ने खुलकर ऐसी टिप्पणियों की आलोचना की थी।
गौरतलब है कि एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद पूरे देश में बवाल मच गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह मामला काफी उछला था और कई खाड़ी देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब कर आपत्ति दर्ज कराई थी। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा को राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से निष्कासित कर दिया था। वहीं, देश के कई शहरों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए और नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग भी की गई थी।