मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट पर इंदौर में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के सोशल मीडिया हैंडलर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एफआईआर राज्य में वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा जारी चेतावनियों के बाद हुई, जब कांग्रेस नेताओं ने एक समन्वित हमले में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ “50 प्रतिशत कमीशन सरकार” के आरोप लगाए थे। ऐसा ही टैग ’40 प्रतिशत कमीशन सरकार’ कर्नाटक चुनाव में इस्तेमाल किया गया था, जो सरकार को भ्रष्ट बताने में कारगर साबित हुआ।
कांग्रेस नेता ने लिखा- “कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी”
11 अगस्त को प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा था, “मध्य प्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है। कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी। मध्य प्रदेश में BJP भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है।”
केस इंदौर के भाजपा लीगल सेल कार्यकर्ता निमेश पाठक की शिकायत पर दर्ज
रिपोर्ट शनिवार को इंदौर के रहने वाले भाजपा के लीगल सेल के कार्यकर्ता निमेश पाठक की शिकायत पर दर्ज की गई है। रिपोर्ट आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत इंदौर के संयोगितागंज में दायर की गई थी।
इंदौर पुलिस ने कहा कि “यह फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिये जाने” के बाद “आरोपी ज्ञानेंद्र अवस्थी और ट्विटर अकाउंट @MPArun यादव, @OfficeOfKNath @priyankagandhhi” के हैंडलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पाठक ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें “एक अखबार की कतरन के बारे में पता चला जिसे कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें एक ठेकेदार संघ ने एमपी उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखाकर आरोप लगाया था कि राज्य सरकार काम करवाने के लिए 50 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रही है।”
पाठक ने कहा कि पत्र किसी ज्ञानेंद्र अवस्थी द्वारा लिखा गया था, हालांकि जब उन्होंने अवस्थी के बारे में पूछताछ की तो उन्हें “ऐसे किसी संगठन या व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।”
एफआईआर में लिखा, ”यह संदेह जताया गया है कि पत्र को कांग्रेस योजनाबद्ध तरीके से भ्रामक आरोपों के साथ तैयार कर विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल कर रही है, ताकि मध्य प्रदेश सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल की जा सके। यदि यह वास्तविक है और ज्ञानेंद्र अवस्थी वास्तव में उपलब्ध हैं, तो मध्य प्रदेश सरकार की नीति और नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
इंदौर के एडीसीपी राम सनेही मिश्रा ने मीडिया से कहा, “कुछ भाजपा नेताओं ने एक ज्ञापन दिया है, जिसमें कहा गया है कि कुछ कांग्रेस नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचनाएं डाल रहे हैं और इससे उनके (बीजेपी) नेताओं की छवि खराब हो रही है…जांच चल रही है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी… ज्ञापन में प्रियंका गांधी और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम का उल्लेख किया गया है।”