यूपी असेंबली के चुनाव में कांग्रेस के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद प्रियंका गांधी ने सारे संगठन को ही तब्दील कर डाला था। अजय कुमार लल्लू से सूबे का अध्यक्ष पद छीनकर बसपा से कांग्रेस में आए बृजलाल खबरी को दिया गया था। तब माना गया था कि कांग्रेस यूपी को गंभीरता से लेने जा रही है।

लेकिन प्रियंका कैसे संगठन में जान फूंकने जा रही हैं, ये एक बड़ा सवाल है। जून 2022 में वो आखिरी बार यूपी में दिखी थीं। तब वो लखनऊ में नवसंकल्प शिविर में भाग लेने आई थीं। उसके बाद से उन्हें यूपी में नहीं देखा गया। कांग्रेस नेता भी उनकी गैरमौजूदगी को लेकर संशय में हैं। हालांकि बृजलाल खबरी को सूबे की कमान सौंपने के बाद प्रियंका ने एक अहम फैसले में यूपी को छह जोन में विभाजित कर दिया था। हर जोन की कमान सीनियर कांग्रेस नेताओं को सौंपी गई थी। लेकिन खबरी की सहायता के लिए नियुक्त होने वाले एग्जीक्यूटिव पैनल पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। खबरी ने पैनल को लेकर अपनी सिफारिश तकरीबन 9 माह पहले AICC भेज दी थी। अभी तक उस पर फैसला नहीं हो सका है।

यूपी के ढांचे में तब्दीली कर सकता है हाईकमान

कांग्रेस के नेताओं में चर्चा है कि हाईकमान यूपी के ढांचे में तब्दीली कर सकता है। कयास हैं कि प्रियंका से यूपी की कमान वापस लेकर टीम राहुल को सक्रिय किया जा सकता है। यूपी में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद वैसे भी हाईकमान कोई रिस्क लेने के मूड़ में नहीं है। 2024 के चुनावों के मद्देनजर कोई बड़ा फैसला किया जा सकता है। आलाकमान की कोशिश होगी कि तकरीबन डेड हो चुके संगठन को किसी तरह से जिंदा कर दिया जाए। धरातल पर संगठन मजबूत होगा तभी वर्कर्स एक्टिव होंगे और तभी लोग कांग्रेस को संजीदगी से लेंगे। लेकिन ये कैसे किया जाए ये एक बड़ा सवाल है।

एग्जीक्यूटिव पैनल को फाइनल करने का फैसला लंबित

एग्जीक्यूटिव पैनल को फाइनल करने के फैसले को जिस तरह से टाला जा रहा है और जैसे प्रियंका गांधी ने यूपी से दूरी बनाई है उसमें लगता है कि बदलाव जल्द किया जा सकता है। एग्जीक्यूटिव पैनल का आखिरी बार गठन तकरीबन तीन साल पहले किया गया था। तब अजय कुमार लल्लू सूबे के अध्यक्ष थे। उसके बाद नदी में बहुत सा पानी बह चुका है। असेंबली चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। बावजूद इसके कि सूबे की कमान प्रियंका के हाथ में थी। वो सारे फैसले ले रही थीं। जगह जगह घूमकर पार्टी को जिताने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन सारे किए धरे पर पानी फिर गया।