जब एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर से पूछा गया कि आपको क्या लगता है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस की ज्यादा बेहतर अध्यक्ष साबित हो सकती हैं? इसका जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, ‘जहां तक मुझे मालूम है वे पब्लिक लाइफ में नहीं हैं। मैंने 2017 यूपी चुनाव में उनके साथ काम किया था। लेकिन वे उस समय भी बैकग्राउंड में थीं। ये तो प्रियंका को तय करना है कि वे कांग्रेस की अध्यक्ष बनना चाहती हैं कि नहीं। ये कांग्रेस के लोगों को तय करना है। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। मैं दबाव नहीं बना सकता।’
इंटरव्यू में जब संकर्षण ठाकुर ने प्रशांत किशोर से पूछा कि राहुल गांधी के साथ क्या दिक्कत है? जवाब देते हुए पीके ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत होने के लिए क्या करना चाहिए? उन्होंने कहा कि कांग्रेस मेरी पार्टी नहीं है ये कांग्रेस के नेता तय करेंगे उन्हें क्या करना चाहिए। हमें यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि हमलोग अच्छे दोस्त हैं लेकिन कई मुद्दों पर एक दूसरे की बातों से एग्री नहीं करते हैं। राहुल गांधी के अपने विचार हैं वो कांग्रेस के नेता हैं।
जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री मटेरियल हैं? पीके ने कहा कि ये कहने वाला मैं कौन होता हूं? पत्रकार की तरफ से दबाव बनाए जाने के बाद हंसते हुए उन्होंने कहा कि ये बात देश की जनता तय करेगी। उन्हें जनता के सामने साबित करना है। अगर आप कहते हैं कि मैं क्या सोचता हूं तो यही कारण है की गुप्त मतदान करवाया जाता है।
इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने कभी दावा नहीं किया कि मैं चुनाव में फलां-फलां चीजें करता हूं। हम लोग भी चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। जहां तक मुझे लगता है कि हम लोगों को चुनाव को लेकर काफी ओवररेट किया जाता है।
किशोर ने कहा, ‘हम चुनाव नतीजे नहीं बदल सकते हैं। हम बस चुनावी रणनीति में ऊर्जा लाने का काम करते हैं। हम चीजों को ज्यादा दक्षता, व्यवस्था के साथ करते हैं। आप ये कह सकते हैं कि हम चीजों को सिस्टम में लाने की कोशिश करते हैं।’
