राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को उच्च सदन के नवनिर्वाचित 45 सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। नए सांसदों में शिवसेना की तरफ से प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल थीं। चतुर्वेदी पहली बार राज्यसभा सांसद बनी है। प्रियंका चतुर्वेदी ने मराठी में शपथ ली। प्रियंका चतुर्वेदी पिछले साल ही कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुई थीं। प्रियंका के कांग्रेस छोड़ने के पीछे अलग-अलग कारण सामने आए थे।

पिछले साल प्रियंका चतुर्वेदी यूपी के मथुरा में जब राफेल डील पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थी उसी दौरान कई कांग्रेसी नेताओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने पीसी बीच में छोड़ दी। वहीं, स्थानीय नेता उनका पीछा करते हुए उनके कमरे तक पहुंच गए। प्रियंका ने पार्टी के शीर्ष नेताओं से इस घटना की शिकायत की। इस पर पार्टी ने दुर्व्यवहार के आरोपी आठ नेताओं तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित कर दिया गया। हालांकि, बाद में माफी मांगने पर उन नेताओं को फिर पार्टी में शामिल कर लिया गया। इस पूरे प्रकरण से प्रियंका काफी आहत हुईं। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ शिवसेना का दामन थाम लिया।

प्रियंका चतुर्वेदी करीब 10 साल तक कांग्रेस में रहीं। उन्होंने यूथ कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने पार्टी की तेजतर्रार प्रवक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि  प्रियंका ने लोकसभा चुनाव में मुंबई नॉर्थ सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया था। लेकिन कांग्रेस ने यहां से फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर को अपना उम्मीदवार बनाया। इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी काफी नाराज हो गईं। उन्होंने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया। इस पर उन्होंने शिवसेना के नेतृत्व से बातचीत शुरू कर दी थी।

टिकट नहीं मिलने को लेकर पार्टी छोड़ने के सवाल पर प्रियंका ने कहा था कि वह टिकट नहीं मिलने को लेकर नहीं बल्कि अपने आत्मसम्मान के लिए पार्टी छोड़ रही है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद थी कि पार्टी (कांग्रेस) मुझे अगले लेवल तक ले जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

भाजपा में शामिल होना चाहती थीं लेकिन स्मृति ईरानी बनी बाधा: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी भाजपा में शामिल होना चाहती थीं। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चतुर्वेदी के भाजपा में शामिल होने में बाधा बन गईं। इसकी वजह थी कि कुछ समय पहले प्रियंका ने स्मृति की डिग्री पर कटाक्ष करते हुए टीवी चैनल पर एक गीत गुनगुनाया था, जिसका शीर्षक था ‘मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं…’।