Prime Minister Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईस्टर के मौके पर रविवार को दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च पहुंचे। इसको लेकर जारी एक आधिकारिक वीडियो में पीएम मोदी को पादरियों और उनके सहयोगियों का अभिवादन करते देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी उनके साथ चर्च में आयोजित ईस्टर की प्रार्थना में भी शामिल हुए। कैंडल सेरेमनी में भाग लेकर पीएम मोदी ने देश की शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
चर्च परिसर में पीएम मोदी ने लगाया पौधा, बच्चों से मिले
पीएम मोदी के चर्च पहुंचते ही पादरियों ने शॉल ओढ़ाकर और गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। चर्च में बच्चों ने ईस्टर पर सामूहिक प्रार्थना की। इस दौरान आम लोग के साथ पीएम मोदी ने चर्च में ईसा मसीह की प्रार्थना को शांति सुना। इसके बाद पीएम मोदी ने चर्च परिसर में एक पौधा भी लगाया। चर्च की ओर से पीएम मोदी को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। पीएम मोदी ने वहां मौजूद लोगों और बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाई।
पीएम मोदी ने पहले दी ईस्टर की शुभकामनाएं
इससे पहले दिन में पीएम मोदी ने दिन में लोगों को ईस्टर की शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘ईस्टर की शुभकामनाएं। यह विशेष अवसर हमारे समाज में सद्भाव की भावना को गहरा करेगा। यह लोगों को समाज की सेवा करने और दलितों को सशक्त बनाने में मदद करने के लिए प्रेरित करेगा। हम इस दिन ईसा मसीह के पवित्र विचारों को याद करते हैं।’’
फ्रांसिस स्वामीनाथन ने बताया पीएम मोदी ने क्या-क्या किया
सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च में पीएम मोदी के आने को लेकर पादरी फ्रांसिस स्वामीनाथन ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब कोई प्रधानमंत्री चर्च का दौरा कर रहा है। उन्होंने काफी खुशी जाहिर करते हुए कहा, ”हम रोमांचित हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हमारे चर्च का दौरा कर रहे हैं।” उन्होंने पीएम मोदी के कैंडल जलाने, प्रार्थना करने, पौधा लगाने और खुशी से स्मृति चिन्ह लेने के बारे में भी बताया।
चर्च पहुंचे पीएम मोदी को निकाले जाने लगे सियासी मायने
दूसरी ओर पीएम मोदी के ईस्टर पर्व पर अचानक गिरजाघर पहुंचने को राजनीतिक मायने से भी देखा जा रहा है। क्योंकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सक्रिय रूप से ईसाइयों को लुभाने में लगी है। बीते दिनों संसद परिसर में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने केरल से आए प्रमुख ईसाई नेताओं और धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ लंबी मीटिंग की थी।
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ईसा मसीह के फिर से जीवित होने की याद में ईस्टर
ईस्टर या ‘ईस्टर संडे’ पर्व को ईसाई लोग ग्रुड फ्राइडे (शोक का दिन) के दो दिन बाद मनाते हैं। बाइबिल के मुताबिक ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने वाले दिन का शोक मनाते हुए ग्रुड फ्राइडे मनाया जाता है। बलिदान के तीसरे दिन ईसा मसीह के फिर से जीवित हो जाने की खुशी में ईस्टर का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सामूहिक प्रार्थना की जाती है, प्रभातफेरी निकाली जाती है और एक- दूसरे को शुभकामनाएं दी जाती हैं।