महाराष्ट्र के पुणे में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता में लोकमान्य तिलक की भूमिका और उनका योगदान कुछ शब्दों और घटनाओं से नहीं आंकी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मुझे जो पुरस्कार राशि मिली है, उसे वह नमामि गंगे परियोजना को दान करने का निर्णय लिये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा वह इस पुरस्कार को देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करना चाहते हैं। कार्यक्रम में एनसीपी नेता शरद पवार भी मौजूद रहे। 1 अगस्त को ही लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि होती है। लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से दिया गया।
शरद पवार ने कहा, देश में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी ने ही की थी
कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश में पुणे का अहम महत्व है, आज यहां से ही यह सम्मान दिया जा रहा है। देश में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी ने ही की थी।
पीएम नरेंद्र मोदी बोले कि पुरस्कार के साथ जिम्मेदारी जुड़ गई है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज का दिन मेरे लिए काफी अहम और भावुक करने वाला है। पुणे की भूमि आदर की भूमि है, मैंने यहां के मंदिर का आशीर्वाद लिया। आज जो सम्मान मिला है, वह मेरे लिए काफी खास है। जब भी कोई अवॉर्ड मिलता है तो उसके साथ हमारी जिम्मेदारी भी जुड़ जाती है।” वे बोले, व्यवस्था निर्माण से संस्था निर्माण, संस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण, व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की दृष्टि देश के निर्माण के लिए एक रोडमैप की तरह कार्य करती है। भारत आज पूरी निष्ठा के साथ इस रोडमैप का पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस की महत्ता को समझते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि एक महान नेता वो होता है जो खुद को देश के लिए समर्पित करता है और लोगों के हिसाब से संस्थाओं को तैयार करता है। बाल गंगाधर तिलक को अंग्रेजों ने काफी कष्ट दिया, दुख दिया, लेकिन तिलक जी ने सभी को साथ लेते हुए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि लोकमान्य गंगाधर तिलक में युवाओं को पहचानने की कला थी, उन्होंने ही वीर सावरकर को पहचाना। तिलक चाहते थे कि वीर सावरकर विदेश जाकर पढ़ाई करें और वापस आकर देश की सेवा करें। वीर सावरकर के लिए तिलक जी ने सिफारिश की थी, उन्होंने राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज अगर हम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर बनी सड़क का नाम बदलते हैं, तो कुछ लोगों को मिर्ची लग जाती है, लेकिन आजादी से पहले सरदार साहब ने लोकमान्य गंगाधर तिलक की मूर्ति लगाने के लिए अंग्रेजों को चुनौती दे दी थी।
