राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। शनिवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पीएसी की बैठक हुई और बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी। संजय सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि वह राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी।

आम आदमी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी इस साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगता है कि वह बीजेपी की बी टीम है। इसलिए कांग्रेस के इस आरोप का अब कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

आम आदमी पार्टी को बीजेपी और एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का भी महत्व पता है और उन्हें पता है कि इससे क्या संदेश जा रहा है। इसलिए यशवंत सिन्हा के समर्थन की घोषणा करते हुए संजय सिंह ने इसका भी जिक्र किया। संजय सिंह ने कहा, “हम भाजपा उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का भी सम्मान करते हैं, लेकिन चुनाव में हम विपक्ष के राष्ट्रपति पद के चेहरे का समर्थन करेंगे।”

विपक्षी खेमे में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के अलावा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी एक से अधिक राज्यों में सरकार है। दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी आप के पास राष्ट्रपति के चुनावी कॉलेज में लगभग 1.96 प्रतिशत वोट हैं। पार्टी के 10 राज्यसभा सांसदों के वोटों का मूल्य 7,000 है, जबकि दिल्ली (62), पंजाब (92) और गोवा (2) के विधायकों के वोट का मूल्य 14,308 है।

आम आदमी पार्टी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यशवंत सिन्हा को करीब 4 लाख वोट मिले जबकि उन्हें यह भी पता है कि द्रौपदी मुर्मू को 6 लाख 60 हजार से अधिक वोट आराम से मिल सकते हैं। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी वोटिंग के ठीक 3 दिन पहले ही आम आदमी पार्टी ने विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन का ऐलान किया था।

आम आदमी पार्टी ने अपने इस कदम से राजनीतिक रूप से यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह दूसरों से अलग है। हालांकि राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की किसी भी मीटिंग में आम आदमी पार्टी हिस्सा नहीं थी। विपक्ष की संयुक्त बैठक से पहले आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने मुंबई में शरद पवार से मुलाकात की थी।