उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में कृषि कानूनों को लेकर कुछ आशंकाएं थीं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘सुधार की प्रक्रिया शुरुआती दौर में है और इससे लोगों की चिंताएं हो सकती हैं, लेकिन सरकार किसानों के कल्याण के प्रति समर्पित है।

’ राष्ट्रपति ने 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए किसान दिल्ली में पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने लोगों से महात्मा गांधी, डा. भीम राव आंबेडकर के मूल्यों और आदर्शों पर अमल करने को कहा।

राष्ट्रपति ने कहा, 2020 सीख देने वाला साल रहा है। ऐसे साफ सुंदर पर्यावरण हमें देखने को मिला। भविष्य में ऐसी महामारियों के खतरे को कम करने के लिए जलवायु परिवर्तन पर पूरी दुनिया ज्यादा ध्यान देगी। उन्होंने आपदा को अवसर में बदलने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान का जिक्र किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत और किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य का जिक्र किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि अर्थव्यवस्था ने फिर मजबूती के संकेत दिए हैं। जीएसटी का रिकॉर्ड संग्रह इसका संकेत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के साथ अन्य संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए मदद जारी की है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की सीमा की सुरक्षा कर रहे सैनिकों पर देश को गर्व है। कोरोना काल का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देशवासियों ने परिवार की तरह एकजुट होते हुए सेवा और बलिदान देकर देश की रक्षा की है। राष्ट्रपति ने चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और सफाईकर्मियों की सेवा और समर्पण को याद किया।

कोविंद ने पिछले साल लद्दाख में चीनी सेना की कार्रवाई को उसकी विस्तारवादी ‘गतिविधि’ करार दिया और कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन भारतीय सुरक्षा बल किसी भी ‘दुस्साहस’ को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं।

उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक परिस्थिति में, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए हम पूरी तरह सक्षम हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि हम शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं, फिर भी हमारी थल सेना, वायु सेना और नौसेना-सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं।’