राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक सुरेंद्र सिंह के खिलाफ उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) का सदस्य होने के चलते उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। दरअसल कोविंद ने चुनाव आयोग की राय के आधार पर 31 दिसंबर को पारित आदेश में यह माना की एनडीएमसी अधिनियम एनडीएमसी क्षेत्र के भीतर आने वाली सीट से दो विधायकों की नियुक्ति का प्रावधान करता है। सिंह दिल्ली छावनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
शिकायतकर्ता संजीव कुमार राजपूत ने सुरेंद्र सिंह को इस आधार पर अयोग्य ठहराए जाने की मांग की कि उनके पास लाभ का पद है। उन्हें एनडीएमसी मुख्यालय, पालिका केंद्र में एक घर और एक कार्यालय आवंटित किया गया था। उल्लेखनीय है कि ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ शब्द को संविधान में परिभाषित किया गया है। ये सांसदों और विधायकों को उन सरकारी पदों को स्वीकार करने से रोकता है जो वित्तीय पारिश्रमिक या कोई अन्य लाभ जैसे ऑफिस स्पेस या कार लेते हैं। इस प्रावधान का उल्लंघन किसी विधायक को अयोग्य ठहरा सकता है। दरअसल इस प्रावधान का उद्देश्य विधायिका की स्वतंत्रता को संरक्षित करना है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। राष्ट्रीय राजधानी में नई सरकार के चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होगा। आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा जारी चुनाव की अधिसूचना के अनुसरण में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की अधिसूचना जारी की। इसके साथ ही दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों के लिये नामांकन प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। उम्मीदवार अब अपने नामांकन पत्र दायर कर सकेंगे।
आयोग के सचिव अजॉय कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उम्मीदवार 21 जनवरी तक नामांकन पत्र दायर कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 22 जनवरी को होगी और उम्मीदवारों के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 24 जनवरी है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में मेट्रो और रेल सेवाओं सहित अन्य अनिवार्य सेवाओं में कार्यरत लोगों को डाक मतपत्र द्वारा मतदान करने की सुविधा प्रदान करने वाली अधिसूचना आयोग द्वारा 10 जनवरी को जारी की जा चुकी है। (भाषा इनपुट सहित)