Kerala Nuns Religious Conversion: केरल की राजनीति में इन दिनों दो ननों की गिरफ्तारी पर बवाल मचा हुआ है। ननों पर आरोप है कि यह छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और मानव तस्करी के काम में शामिल थीं। इस मामले में कांग्रेस की महासचिव और केरल के वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर में बुधवार को प्रदर्शन किया।

प्रियंका गांधी और केरल के सांसदों ने छत्तीसगढ़ की सरकार से दोनों नन को रिहा करने की मांग की है।

क्या है यह पूरा मामला?

छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस के साथ सुकमन मंडावी नाम के शख्स को इस हफ्ते की शुरुआत में गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत के आधार पर की गई थी।

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शिकायत में कहा गया था कि इन लोगों पर तीन महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन करने और उन्हें छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से तस्करी के लिए ले जाने का आरोप है। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि इन तीनों महिलाओं के परिवारों ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें मानव तस्करी के लिए ले जाया गया था।

केरल की रहने वाली हैं दोनों नन

छत्तीसगढ़ की यह घटना केरल तक पहुंच गई और वहां इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद हुआ है क्योंकि प्रीति मूल रूप से केरल के एर्नाकुलम जिले के इलावूर की रहने वाली हैं जबकि वंदना भी केरल के कन्नूर के उदयगिरि गांव की हैं। प्रीति की बहन भी नन हैं और वंदना की बहन भी।

Assisi Sisters of Mary Immaculate की मध्य प्रदेश इकाई की महासचिव नित्या फ्रांसिस ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन लोगों को पहले कभी भी इस तरह की किसी घटना का सामना नहीं करना पड़ा। नित्या ने बताया कि जिन तीन महिलाओं को लेकर आरोप लगाए गए हैं, वे तीनों आगरा के एक कॉन्वेंट में काम करने जा रही थीं और नन उन्हें दुर्ग रेलवे स्टेशन पर लेने गई थीं। इन महिलाओं को नौकरी चाहिए थी और उनके माता-पिता की अनुमति से ही हमने उन्हें नौकरी की पेशकश की थी।

प्रीति की ननद रायजी सिजो ने बताया कि वह कई सालों से उत्तर भारत में काम कर रही हैं लेकिन पहले कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ।

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मुख्यमंत्री का पुतला फूंक रहे कांग्रेसी

ननों की गिरफ्तारी के मामले में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी है और पत्र लिखकर उनसे दखल देने को कहा है। केरल में 1 साल के अंदर विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और इसे मुद्दा बनाते हुए केरल कांग्रेस के कार्यकर्ता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पुतले फूंक रहे हैं।

इस मुद्दे पर केरल के यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) दोनों ही प्रदर्शन कर रहे हैं। बताना होगा कि केरल में ईसाई समुदाय राजनीतिक रूप से काफी ताकतवर है और इस मामले में सभी दल मिलकर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं।

अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना- बघेल

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा कि ये गिरफ्तारियां ‘‘ध्रुवीकरण की राजनीति’’ के तहत की गई हैं। बघेल ने X पर कहा, “पूरे देश में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। जिन भी राज्यों में भाजपा सत्ता में है, वहां वे वोटों की खातिर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हैं।”

केरल कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने दुर्ग केंद्रीय जेल में ननों से मुलाकात की है।

बिना जांच के दर्ज कर ली एफआईआर

आरोपियों के वकील तामसकर टंडन का कहना है कि बिना प्राथमिक जांच के ही तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और GRP द्वारा दर्ज की गई एफआईआर केवल संदेह पर आधारित है। ईसाई संगठनों ने आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी समूहों के लोगों ने आरोपियों पर हमला किया।

कथित रूप से तस्करी की शिकार हुई तीनों महिलाओं के परिवारों ने भी तमाम आरोपों से इनकार किया है। एक महिला की बहन ने कहा, “मेरी बहन उनके साथ नौकरी की तलाश में जा रही थी। मैंने ही उसे भेजा था क्योंकि मुझे उन पर भरोसा है।”

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