Mahakumbh Mouni Amavasya Snan: प्रयागराज के महाकुंभ मेले का सबसे बड़ा पर्व और दूसरा शाही स्नान बुधवार, 29 जनवरी को होगा। इसे शांतिपूर्ण और कुशलता से पूरा कराना महाकुंभ प्रशासन के लिए संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा से भी बड़ी चुनौती बन गया है। मकर संक्रांति से शुरू हुए इस महा आयोजन में पिछले 17 दिनों में करीब 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।
माना जा रहा है कि मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को 11 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने पहुंचेंगे, जबकि करीब 4 से 5 करोड़ लोग पहले से ही मेला क्षेत्र में मौजूद हैं। इस प्रकार, बुधवार को प्रयागराज में कुल 15 करोड़ लोग होंगे, जो कि ब्रिटेन की मौजूदा अनुमानित आबादी (करीब 7 करोड़) से दो गुना से अधिक है। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले तक लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था। प्रशासन के अनुसार, 28 जनवरी को सुबह 8 बजे तक 55 लाख लोग स्नान कर चुके थे।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार और प्रशासन हर प्रकार से तैयार हैं। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे आस्था को ठेस पहुंचाने वाले बयान न दें।
प्रशासन की सतर्कता और प्रबंधन
प्रयागराज जिला प्रशासन और महाकुंभ मेला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा और प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य सरकार के मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि मौनी अमावस्या पर 10-12 करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
उन्होंने दावा किया कि भीड़ प्रबंधन के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, एआई-सक्षम कैमरे, वाटर एटीएम और अतिरिक्त शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। मेला क्षेत्र के हर कोने में एआई से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है।
मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित
मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल ज़ोन घोषित किया गया है। भीड़ प्रबंधन के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (ICCC) सक्रिय है, जो ड्रोन और कैमरों की मदद से निगरानी कर रहा है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए विशेष दल तैनात किए गए हैं। पुलिस विभाग ने सुरक्षा के लिए 5,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की है, जबकि शहर के सीमावर्ती इलाकों में पहले से ही 10,000 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
बड़े वाहनों और दोपहिया गाड़ियों को शहर के बाहर ही रोक दिया गया है। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे चार पहिया वाहनों का उपयोग न करें और दोपहिया गाड़ियों या पैदल यात्रा का सहारा लें।
मौनी अमावस्या का महत्व और धार्मिक आस्था
मौनी अमावस्या का स्नान केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में परिवर्तित हो जाता है। श्रद्धालु मौन रहकर स्नान करते हैं, जिससे आत्मचिंतन और शांति की अनुभूति होती है। महाकुंभ मेला अपने आप में एक विशाल आयोजन है, जहां साधु-संत, कल्पवासी और आम श्रद्धालु गंगा और संगम के पवित्र जल में स्नान करते हैं। अमृत स्नान के दौरान साधु-संतों की शोभायात्रा और स्नान श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है।
तीन दिनों तक स्कूलों में छुट्टी घोषित
प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल 28, 29 और 30 जनवरी को बंद रखने का आदेश दिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मौनी अमावस्या के अवसर पर अवकाश घोषित किया है। मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है। कई अतिरिक्त स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं और एंबुलेंस तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध हो सके।
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ और यातायात प्रबंधन
मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम जाने वाले सभी रास्तों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। त्रिवेणी मार्ग, काली मार्ग, शास्त्री ब्रिज, नागवासुकी रोड और झूंसी रोड पर श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ रहे हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप्स पर भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या दिखाई दे रही है। नैनी जंक्शन और सूबेदारगंज जैसे प्रमुख स्टेशनों पर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
मौनी अमावस्या का स्नान हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। संगम पर डुबकी लगाने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। श्री पंचायती अखाड़ा (बड़ा उदासीन) के मुखिया दुर्गादास ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और विश्व बंधुत्व का संदेश देता है। योग गुरु बाबा रामदेव ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदुत्व को गर्व के साथ अपनाकर एक नया संदेश दिया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संगम क्षेत्र में वाटर एटीएम, साफ-सफाई और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई है। 27 से 30 जनवरी तक प्रमुख टोल प्लाजा को कर-मुक्त किया गया है, ताकि यात्री आसानी से मेले तक पहुंच सकें। वसंत पंचमी के लिए भी यह सुविधा 1 से 4 फरवरी तक लागू होगी। मौनी अमावस्या और महाकुंभ मेले के बारे में सभी जानकारी के लिए यहां करें क्लिक