Accommodation in Maha Kumbh: कुंभ मेला या महाकुंभ जैसे विशाल आयोजनों में लाखों-करोड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं, और उनकी ठहरने की व्यवस्था के लिए कई स्तरों पर काम किया जाता है। सरकारी प्रयासों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं, आश्रमों और स्थानीय लोगों द्वारा भी मदद की जाती है। जो लोग होटलों और लॉज का खर्च उठा सकते हैं, उनके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। वहीं, जो लोग ऐसा नहीं कर पाते, वे अक्सर अपने रिश्तेदारों, धार्मिक संस्थाओं या आश्रमों में ठहरते हैं, जहां उन्हें निशुल्क आवास और भोजन मिलता है।
स्थानीय लोग अपने घरों में भी देते हैं रहने और खाने की सुविधा
महाकुंभ में खासतौर पर कल्पवासियों का बड़ा योगदान होता है। कल्पवास करने वाले श्रद्धालु तंबुओं में रहते हैं, और उनके साथ उनके रिश्तेदार और परिचित भी ठहरते हैं। प्रयागराज के पंडे, पुरोहित और संत समाज के लोग भी तंबुओं में आम श्रद्धालुओं के रहने के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था बहुत ही मामूली किराए या निशुल्क करते हैं। इसके अलावा, प्रयागराज में कई धर्मशालाएं हैं, जहां 400 से 5000 रुपए प्रतिदिन के किराए पर कमरे उपलब्ध हैं। कई सस्ते लॉज और स्थानीय लोगों द्वारा किराए पर उपलब्ध कराए जाने वाले कमरे भी श्रद्धालुओं के लिए आसान विकल्प हैं। इसके अलावा, पेइंग गेस्ट हाउस भी उपलब्ध हैं।
जो लोग अधिक खर्च कर सकते हैं, उनके लिए शहर में कई बड़े होटल मौजूद हैं, जिनका प्रतिदिन का किराया 10 हजार से 50 हजार रुपए तक है। वहीं, मेला क्षेत्र में टेंट सिटी बनाई गई है, जहां ठहरने की सुविधा 1500 रुपए से लेकर 35 हजार रुपए रोजाना तक में मिलती है। इनमें 2000 स्विस कॉटेज स्टाइल के टेंट भी शामिल हैं। बड़े और संपन्न लोगों के लिए महाराजा सुइट और डोम हाउस जैसी सुविधाएं हैं, जो सेवन स्टार होटल जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं। हालांकि आम श्रद्धालुओं के लिए कल्पवास और धार्मिक आश्रमों में ठहरना अधिक किफायती और सुविधाजनक रहता है।
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भारतीय रेलवे ने टेंट बुकिंग की सुविधा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर शुरू कर दी है। यहां से आप टेंट बुक कर सकते हैं, जिनमें 24 घंटे सुरक्षा, नाश्ता, दोपहर और रात के खाने की व्यवस्था शामिल है। डीलक्स कॉटेज, लक्जरी सुइट और प्रीमियम सुइट जैसी विभिन्न श्रेणियों के टेंट उपलब्ध हैं। स्नान क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए शटल सेवा और बैटरी चालित गाड़ियां भी हैं, जिससे बुजुर्गों को परेशानी नहीं होगी।
प्रयागराज पहुंच रहे हर किसी के लिए होटल की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती, इसलिए यूपी सरकार ने यहां ठहरने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की हैं। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।