प्रशांत किशोर पर तमाम नेता हमलावर हैं। वो सवाल उठा रहे हैं कि उनके पास पदयात्रा के लिए पैसा कहां से आ रहा है। एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके पास पैसा कहां से आ रहा है। उनका कहना था कि बीते 10 सालों में उन्होंने कई राजनीतिक दलों की मदद की थी। ये पैसा सरस्वती की देन है।

पीके का कहना था कि पिछले 10 सालों में उन्होंने 11 चुनाव लड़ाए। इनमें से 10 में जीत मिली। कभी इन लोगों से उन्होंने पैसा नहीं लिया। लेकिन अब उनसे मदद मांगी जा रही है, क्योंकि उन्हें आज पैसे की जरूरत है। वो विधायक या सांसद नहीं हैं। न ही ठेकेदार या कोई दूसरा कारोबार करते हैं। उनका कहना था कि अभी के दौर में छह सीएम ऐसे हैं जो उनके कंधे का सहारा लेकर सत्ता के शीर्ष पायदान पर पहुंचे। साफगोई से उन्होंने कहा कि छह सीएम थोड़ी-थोड़ी मदद भी करते हैं तो बहुत हो जाता है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि नेता सबसे ज्यादा पैसा खर्च हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल पर करते हैं। इसके अलावा लोगों की भीड़ को बसों में भरकर लाने में भी अच्छा खासा खर्च होता है। मंच बनाने और मैदान बुक करने और विज्ञापनों पर भी बेतहाशा पैसा लुटाया जाता है। लेकिन वो इन चारों में से कोई भी काम नहीं कर रहे हैं।

पीके का कहना था कि वो किसी को बस में भरकर नहीं बुलाते हैं। आजतक उन्होंने किसी को 1 पैसा भी पेट्रोल के लिए नहीं दिया। कभी मैदान बुक नहीं कराया और न ही मंच बनाया। वो सड़क के किनारे खड़े होकर ही लोगों से रूबरू हो लेते हैं। बिहार में एक भी शख्स नहीं कह सकता कि उससे उन्होंने पैसा लिया है।

गौरतलब है कि पीके ने बिहार में पदयात्रा निकाल रखी है। उन पर दूसरे दलों के नेता लगातार हमलावर हैं। पीके कभी नीतीश कुमार के हमकदम रहे थे। लेकिन अब दोनों के बीच खासी तल्खी है। हालांकि कुछ दिनों पहले दोनों की मीटिंग हुई थी लेकिन दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप लगातार चल रहे हैं।