नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की भारी चुनावी जीत में प्रमुख रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर अपनी पहली किताब में इस बात का विश्लेषण करने वाले हैं कि आज भारतीय मतदाताओं को क्या बात प्रभावित करती है। उनकी महत्त्वाकांक्षाएं क्या हैं और अपने नेताओं से वह क्या चाहते हैं?
भारत में चुनाव हमेशा से एक रहस्य बना रहा है। किशोर की किताब इस दौर में लड़े जा रहे चुनावों की बात करने के साथ यह भी बताने जा रही है कि वह कौन से तथ्य हैं जो चुनावों में जीत या हार की वजह हो सकते हैं। इस साल के अंत में जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित होने वाली ‘द इलेक्शन गेम’ का सहलेखन पत्रकार संकर्षण ठाकुर कर रहे हैं।

किशोर ने कहा, ‘लेखन मेरे लिए एक नई दुनिया है लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि किताबों की इस दुनिया में प्रवेश उभरते नए मतदाताओं, विशेषकर युवा व पेशेवर मतदाताओं के साथ हमारे लोकतंत्र की अनिवार्य रस्म यानी चुनाव के बारे में संवाद को विस्तार देगा।’ उन्होंने कहा कि वे चुनाव लड़ने के तरीके में बड़े बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं।

जगरनॉट की प्रकाशक चिकी सरकार के अनुसार, हर किसी को इस किताब का इंतजार है। उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि प्रशांत किशोर के साथ इस किताब का सहलेखन करने के लिए पत्रकार संकर्षण तैयार हो गए हैं। वह हमारे सबसे ज्यादा सम्मानित व अनुभवी पत्रकारों व लेखकों में से एक हैं, जिन्होंने बिहार चुनाव के दौरान प्रशांत के काम को करीब से देखा है। संकर्षण विभिन्न हस्तियों, मुद्दों और भारत की राजनीति चलाने वाले कारकों पर अपनी पैनी समझ को एक दिलचस्प किस्सागोई वाली शैली के साथ इस किताब में लेकर आएंगे।’
राजनीतिक गलियारों में किशोर को नीतीश का ‘चाणक्य’ कहा जाता है। उन्हें जनवरी में नियोजन व कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए उनके सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके पास केबिनेट मंत्री का दर्जा होगा और उन्हें उस स्तर का भत्ता भी मिलेगा। उन पर बिहार में विकास कार्यक्रमों की योजना बनाने और उसके समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन की निगरानी करने की जिम्मेदारी होगी। अफवाहों की मानें तो कांग्रेस भी पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए किशोर की विशेषज्ञता की मदद ले सकती है। अगले साल इन राज्यों में चुनाव होने हैं।