इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से एंकर राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि ऐसा मोदी में क्या है कि वे सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करते हैं? प्रशांत किशोर ने कहा कि किसने कह दिया कि मोदी सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करते हैं। सत्ता विरोधी लहर ने मोदी को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक बीजेपी ने कई राज्यों में अपने प्रदर्शन से कमतर ही स्कोर किया है। बीते वक्त में प्रदर्शन कमतर ही होता गया है। मोदी खुद के लिए तो वोट पा जाते हैं लेकिन अब वे अपनी पार्टी के लिए वोट पाने में इतने कामयाब नहीं दिख रहे हैं। विधानसभा चुनावों में ये दिखता है।
इंटरव्यू में जब राजदीप सरदेसाई ने पूछा कि आप मोदी और ममता दोनों के साथ काम कर चुके हैं। किसके साथ काम करना ज्यादा आसान है? क्योंकि मोदी भी सीएम के तौर पर कई चुनाव जीते हैं और ममता भी सीएम बनी रहना चाहती हैं? प्रशांत किशोर ने कहा कि दोनों अलग व्यक्तित्व हैं। एंकर ने पूछा कि फिर भी आप बताइए कि आसान किसके साथ रहा? जवाब देते हुए किशोर ने कहा कि आसान दोनों के साथ रहा। प्रशांत किशोर ने बताया, ‘जब मैं बंगाल में दीदी के लिए प्रचार करने आया तो मुझे बीजेपी के लोगों ने कहा कि दीदी तो किसी की नहीं सुनती हैं, तुम्हारी क्या सुनेंगी? मेरा काम ये बताना है कि जमीन पर लोग क्या कह रहे हैं।’
प्रशांत किशोर ने याद दिलाया कि किस तरह से दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने अपने सभी मुख्यमंत्रियों को चुनाव प्रचार में झोंक दिया था। किशोर ने कहा कि बंगाल चुनाव में बहुत से लोगों को बुलाकर बीजेपी की जीत तय नहीं हो जाती है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि हर सर्वे में टीएमसी आगे रही है। बीजेपी बड़े-बड़े दावे कर रही है। चुनावी प्रचार में सारी चीजें झोंक रही है। वह यह सब खुद को टीएमसी के बराबर खड़ा करने के लिए कर रही है।
प्रशांत किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि शाह ने अपनी चुनावी टीम बदल ली होगी क्योंकि उन्होंने दिल्ली और झारखंड चुनाव में भी बड़े -बड़े दावे किए थे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर हम गंभीरता से चुनाव लड़ते हैं तो मीडिया कहती है कि हम घबराए हुए हैं और अगर गंभीर नहीं होते हैं तो मीडिया कहती है कि हम हार मान चुके हैं।