कुपवाड़ा मुठभेड़ में शहीद सीआरपीएफ जवान पिंटू सिंह को श्रद्धांजलि देने सत्तारूढ़ गठबंधन का कोई नेता नहीं पहुंचा। जनता दल-युनाइटेड (JDU) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने खेद जताते हुए गलती मानी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के किसी सदस्य को इस दुख की घड़ी में सिंह के परिवार के साथ होना चाहिए था। प्रशांत ने ट्वीट किया, “हम इस चूक के लिए माफी चाहते हैं। हमें इस दुख की घड़ी में आपके साथ होना चाहिए था।” उन्होंने शहीद जवान के भाई का वीडियो शेयर करते हुए यह बात कही।
दरअसल, पिंटू सिंह के भाई ने मीडिया से कहा था कि “रैली को महत्व दिया गया है। शहीद को तो बाद में भी देखा जा सकता है। मरने वाला तो मर गया। मंत्रीजी को क्या लेना है, वो अपनी कुर्सी बचा रहे हैं। इसी से पता चलता है कि हमारी सरकार सेना की कितनी मदद कर रही है।” एनडीटीवी ने सीआरपीएफ जवान के चाचा के हवाले से कहा, “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां आकर श्रद्धांजलि देने की जहमत नहीं उठाई।
गौरतलब है कि 3 फरवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में जदयू-भाजपा की संयुक्त रैली थी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शरीक हुए। इस रैली में दोनों पार्टियों के बड़े नेता और नीतीश की कैबिनेट के मंत्री मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इसी वजह से कोई शहीद को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा।
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हालांकि प्रधानमंत्री ने रैली को संबोधित करने से पहले बिहार के शहीद जवानों को याद किया और उन्हें नमन किया। मोदी ने कहा, “बिहार के शहीद जवान पिंटू कुमार सिंह, पुलवामा में शहीद संजय कुमार सिन्हा और रतन ठाकुर को और बिहार के उन सभी शहीद जवानों को नमन करता हूं जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राण निछावार किए हैं।” उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारजनों के साथ पूरा देश खडा है। उनके त्याग को नमन कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के कम से कम चार जवान शहीद हुए थे। इनमें दो पुलिस तथा दो सीआरपीएफ के जवान थे।