आम आदमी पार्टी (आप) पर तीखा प्रहार करते हुए उसके निष्कासित विद्रोहियों की अगुवाई वाले स्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार के नवीनतम विज्ञापन को ‘राजनीतिक भ्रष्टाचार’ और ‘अत्यधिक प्रतिगामी ’ सोच का नमूना करार दिया। भारतीय जनता पार्टी ने भी इस इश्तहार की निंदा की है और अदालत में जाने की धमकी दी है।
स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को अपने कई ट्वीटों में कहा कि यह विज्ञापन धन के भद्दे दुरुपयोग और केजरीवाल की अपरिपक्वता को दर्शाता है और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध भी है। सर्वोच्च न्यायालय के वकील भूषण ने ट्वीट किया कि इसके अलावा विज्ञापन महिलाओं को उनके पतियों की नौकर के रूप में पेश करता है। यह स्तब्धकारी है।
व्यक्ति पूजा को लोकतंत्र के खिलाफ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों में नेताओं के फोटो के प्रकाशन पर रोक लगा दी है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश उसके अपवाद हैं। स्वराज अभियान ने एक बयान में कहा, आदेश का दिशानिर्देश स्पष्ट रूप से कहता है कि किसी भी सरकारी विज्ञापन को राजनीतिक हस्तियों के महिमामंडन से बचना चाहिए और सरकारी खजाने की कीमत पर किसी भी व्यक्ति का ऐसा महिमामंडन दिल्ली में रोका जाए।
इस संगठन ने इस विज्ञापन को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि यह बिजली की दरों में छह फीसद वृद्धि के आलोक में आया है। बयान में कहा गया है, इस समस्या की मूल बात यह है कि इस व्यवसायिक विज्ञापन में अरविंद केजरीवाल की व्यक्ति पूजा शुरू करने के लिए सरकारी धन का बेशर्मी के साथ दुरुपयोग किया गया। यह आप नेता का गीत गाता है और उन्हें मसीहा की तरह पेश करता है। स्वराज अभियान में योगेंद्र यादव भी हैं।
उधर इन विज्ञापनों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का ‘उल्लंघन’ करार देते हुए भाजपा ने धमकी दी कि अगर इसे तुरंत नहीं हटाया गया तो वह सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह ने शुक्रवार को यहां एक बयान जारी कर बताया कि हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का चेहरा नहीं दिखाया जा रहा है, लेकिन बार-बार उनका नाम लेकर उन्हें ‘गरीबों का मसीहा’ बताया जा रहा है जबकि अन्य दल के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों, मीडिया को खलनायक की तरह पेश किया जाना अदालतीआदेश का घोर ‘उल्लंघन’ है।