Chandrayaan-3 Update: चंद्रयान-3 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचे हुए एक हफ्ते से अधिक समय हो गया है। प्रज्ञान रोवर ने विक्रम लैंडर की तस्वीर खींचकर पृथ्वी पर भेजी हैं। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक तस्वीर पोस्ट की है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि विक्रम लैंडर चन्द्रमा की सतह पर कुछ एक्सपेरिमेंट कर रहा है। इसरो ने ट्वीट में जानकारी दी है कि प्रज्ञान रोवर पर लगे कैमरे ने सुबह विक्रम लैंडर की तस्वीर खींची है। यह तस्वीर प्रज्ञान रोवर पर लगे NavCam से ली गई है। बता दें कि NavCam को लेबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम द्वारा बनाया गया है। चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर की यह पहली तस्वीर सामने आई है।

इसरो ने कल दी थी बड़ी खुशखबरी

इसरो ने मंगलवार को बड़ी खुशखबरी दी दी। इसको की ओर से बताया गया कि चंद्रयान-3 ने चांद की सहत पर ऑक्सीजन ढूंढ ली है। रोवर प्रज्ञान पर लगे लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी (LIBS) उपकरण ने दक्षिणी ध्रुव के पास चन्द्रमा की सतह की मौलिक संरचना पर पहली बार इन-सीटू मेजरमेंट लिया गया है। ये इन-सीटू मेजरमेंट स्पष्ट रूप से क्षेत्र में सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि करता है। यह कुछ ऐसा है जो ऑर्बिटर पर लगे उपकरणों द्वारा संभव नहीं था। प्रारंभिक एक्सपेरिमेंट ने चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एल्युमीनियम, सल्फर, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम और टाइटेनियम मिला है। इन-सीटू मेजरमेंट से चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मिला है। फिलहाल चंद्रयान चांद की सतह पर हाइड्रोजन की खोज कर रहा है।

चन्द्रमा की सतह पर तापमान में है अंतर

इसरो द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से चंद्रमा की सतह के ठीक ऊपर और नीचे के तापमान में बहुत बड़ा अंतर देखने को मिला है। इसरो ने एक ग्राफ शेयर करके तापमान में अंतर को दर्शाया है। ग्राफ देख कर मालूम चलता है कि चांद की सतह पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। लेकिन सतह से कुछ मिलीमीटर नीचे ही तापमान लगभग माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसरो ने यह भी पता लगाया कि चांद की सतह की ऊपरी मिट्टी बहुत अच्छी तरह से गर्मी का संचालन नीचे की सतह में करने में अक्षम है। इसी कारण चन्द्रमा की ऊपरी सतह इतनी गर्म है, वहीं चन्द्रमा की निचली सतह पर तापमान माइनस में है।