मध्यप्रदेश में जबलपुर से 45 किलोमीटर दूर सीहोरा में किसान महापंचायत से पहले कुछ लोगों ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की तस्वीर वाले कुछ पोस्टरों को फाड़ दिया। घटना पर टिकैत ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई का किसानों या उनके आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन तब तक चलेगा जब तक ये कानून वापस नहीं लिए जाते। सीहोरा में रैली को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम में अपनी उपज नहीं बेचेंगे। किसान नेता ने कहा कि इस आंदोलन में सत्तारुढ़ भाजपा के जो नेता शामिल होना चाहते हैं, उनका स्वागत है। टिकैत ने आह्वान किया कि दिल्ली के पास चल रहे किसान आंदोलन की तरह किसान मध्यप्रदेश में भी आंदोलन करें।
गौैरतलब है कि हाल कि दिनों में आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए राकेश टिकैत देश के कई राज्यों के दौरे पर हैं। उन्होंने चुनावी राज्य बंगाल में महापंचायत को संबोधित किया था। राकेश टिकैत ने चुनावी राज्यों के मतदाताओं से अपील की थी कि कि वो इस चुनाव में बीजेपी को वोट न दें। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा था कि जिन राज्यों में चुनाव है वहां के मतदाताओं से आप क्या अपील करेंगे तो उन्होंने कहा था कि मैं अपील करता हूं कि इन्हें वोट मत देना, इन्होंने पूरा देश लूट लिया है।
बीकेयू नेता ने कहा था कि ये सरकार किसी भी राजनीतिक दल की सरकार नहीं है। ये कंपनियों की सरकार है। इन्होंने पहले गोदाम बनवा दिया बाद में कानून लेकर आए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जब उनसे सवाल पूछे गए थे तो उन्होंने कहा था कि अभी उस चुनाव में 1 साल का समय है।
बताते चलें कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले 100 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। जिसके बाद से सरकार और किसानों के बीच डेडलॉक जारी है। दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम बार वार्ता 22 जनवरी को हुई थी।