देश की राजधानी दिल्ली में कोविड 19 से हुई मौतों के आंकड़ों पर राजनीति शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार पर मौतों के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा है कि दिल्ली के तीन नगर निगमों द्वारा दिए गए डेथ सर्टिफिकेट और सरकार की ओर से दिए मौत के आंकड़ों में करीब 25 हजार का अंतर देखने को मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोविड के कारण काफी लापरवाही बरती है। जिसकी वजह से दो महीने में इतनी मौतें हुई कि सरकार को आंकड़े छिपाने पड़ें।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेसवार्ता में केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अप्रैल और मई में दिल्ली के 3 नगर निगमों द्वारा लगभग 34,750 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के सरकारी आंकड़े 9,916 प्रमाण पत्र हैं। मृतकों के जो आंकड़े दिखाए गए और जो वास्तविक संख्या है उसमें 250 फीसदी बढ़ोतरी है। उन्होंने दिल्ली में हो रही मौतों की जांच की मांग की। साथ ही केजरीवाल को इस मामले में सफाई देने को कहा कि आंकड़ों में इस तरह का अंतर क्यों देखने को मिल रहा है।
नए अस्पताल पर किया सवाल
संबित पात्रा ने आंकड़ों के साथ बात करते हुए कहा है कि राजधानी दिल्ली में मृत्यु दर देश में सबसे अधिक 2.9 फीसदी है। जबकि दूसरे नंबर पर पंजाब है जहां पर 1.3 फीसदी डेथ रेट है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कारण है कि दिल्ली में इतनी मौतें हुई हैं और कौन इसके लिए जिम्मेदार है? उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि 2015 से लेकर 2019 तक एक भी नया अस्पताल नहीं खोला गया। ताज्जुब की बात तो ये है कि जुलाई 2020 से लेकर अप्रैल 2021 तक के बीच में एक भी नया वेंटीलेटर नहीं खरीदा गया है।
इसलिए ऑडिट नहीं कराना चाहती है सरकार
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि दो महीने पहले सीएम केजरीवाल ने 44 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक एक भी भी प्लांट नहीं लगाया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि आखिर केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन ऑडिट कराने से क्यों इनकार रही है। अगर ऑडिट होता है तो सरकार भंडाफोड़ हो सकता है। उन्होंने सवाल किया अरविंद केजरीवाल ने जो 18 क्रायोजैनिक टैंकर थाइलैंड से मंगाने की बात कही थी, तो अब कितने टैंकर आ गए हैं।
वैक्सीनेशन पॉलिसी पर उठाए सवाल
भले ही सुप्रीम कोर्ट के केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन पॉलिसी पर सवाल उठा दिए हों, लेकिन बीजेपी ने दिल्ली सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठाए हैं। पात्रा के अनुसार यूपी ने 7 मई को वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए थे, जबकि दिल्ली ने 28 मई को ग्लोबर टेंडर जारी किए। उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट अस्पतालों में क्यों ज्यादा वैक्सीनेशन कर रही है?

