बंगाल में इस साल हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को जीत दिलाने के अहम चेहरे माने जा रहे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर आमतौर पर किसी भी नेता पर बयान देने से बचते नजर आते हैं। खासकर पार्टियों से अपने संबंधों को लेकर वे खास सजग रहते हैं और खुद को किसी से भी जोड़ने से इनकार करते हैं। इस बीच किशोर का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें पंजाब और यूपी चुनाव का जिक्र करने के साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह और राहुल गांधी पर बात करते सुना जा सकता है। इसी इंटरव्यू के दौरान जब पैनलिस्ट ने किशोर से दोनों नेताओं की आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल पूछा, तो उनके जवाब पर ऑडियंस में जोर से ठहाके लगने लगे।
क्या बोले प्रशांत किशोर?: दरअसल, आईएसबी लीडरशिप समिट के एक पुराने इंटरव्यू में प्रशांत किशोर बिहार, पंजाब और यूपी में अपने चुनाव अभियान के बारे में जानकारी दे रहे थे। यहां उन्होंने एक मौके पर कह दिया था कि पंजाब में कांग्रेस का साथ देने के लिए उन्हें आम आदमी पार्टी की वजह से मजबूर होना पड़ा था, न कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के पैसे ने, असल में उनके पास पैसे हैं ही नहीं, क्योंकि वे 10 साल से सत्ता से बाहर थे। इसके बाद किशोर ने 2017 के यूपी चुनाव से पहले राहुल गांधी के साथ समय बिताने का भी जिक्र किया।
इस दौरान जब पैनल संचालित कर रहे एंकर ने पूछा कि आप कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के पास पैसे नहीं थे, अमरिंदर सिंह के पास पैसे नहीं थे, राहुल गांधी के पास पैसे नहीं थे? तो प्रशांत ने बीच में टोकते हुए कहा कि मैंने राहुल गांधी की बात नहीं की। इस पर ऑडियंस में जबरदस्त ठहाके लगे। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैंने आपको बताया कि हमने किन दो लोगों के साथ काम किया और जरूरी नहीं कि वे पैसे वाले हों। प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं यह बता सकता हूं कि पंजाब कांग्रेस के पास चुनाव लड़ने के ठीक संसाधन नहीं थे।
राहुल गांधी के साथ बिताए 3-4 महीने: इसके बाद प्रशांत किशोर ने 2017 के यूपी चुनाव को लेकर भी बात की। तब कांग्रेस ने अपने अभियान में प्रशांत किशोर की सहायता ली थी। प्रशांत किशोर ने बताया कि चुनाव से पहले यह बहस चल रही थी कि सबसे बड़ी राजनीतिक चुनौती क्या हो सकती है और इसका जवाब था यूपी में कांग्रेस को दोबारा जिंदा करना। किशोर ने बताया कि इसे लेकर उनकी राहुल गांधी से लंबी चर्चाएं हुईं। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप ये कर सकते हैं? हमने तीन-चार महीने साथ बिताए।
प्रशांत किशोर आगे बोले- हमें लगा कि हमारे पास एक योजना थी और हमने उसे राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व के सामने पेश किया। तब उन्हें यह योजना पसंद आई और हम उसी के साथ चले, लेकिन यूपी में क्या हुआ, ये हम सभी को पता है। हमें शिकस्त मिली।
पैसे के लिए चुनावी अभियानों में शामिल नहीं हुए: आईपैक के संस्थापक ने कहा कि हम आपको इन सभी अभियानों के पीछे के मकसद बता रहे हैं। हमारा कोई भी अभियान इसलिए नहीं था कि हम अपने आप को एंटी मोदी या मोदी के साथ दिखा रहे थे, न ही यह कभी किसी विचारधारा या किसी तरह की रकम हासिल करने के लिए था। यह सिर्फ एक चुनौती पार करने के बाद दूसरी चुनौती में सफलता पाने के लिए था।
