एक बड़ी उपलब्धि के तहत सेना ने कश्मीर के बारामूला जिले में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया और उसके पास से आधार कार्ड बरामद किया जिससे सुरक्षा प्रतिष्ठान गंभीर चिंता में पड़ गया है। सेना ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बाशिंदे अब्दुल रहमान ने जनवरी में घुसपैठ की थी और वह आत्मघाती हमलों के वास्ते स्थानीय युवकों की भर्ती में लगा था।

यहां से करीब 55 किलोमीटर बारामूला में बारामूला डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल जे एस नैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘पुलिस के साथ मिलकर विशेष संयुक्त अभियान चलाया गया जिसके दौरान एक पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा गिरफ्तार किया गया, वह जैश ए मोहम्मद का कार्यकता है। यह बहुत बड़ी सफलता है क्योंकि हमें उससे पूछताछ करने पर महत्वपूर्ण सूचना हासिल होने की आशा है।’

जीओसी ने कहा, ‘हमने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी। वह सात बार बारामूला आया। उसने बारामूला, सोपोर और कुपवाड़ा में लोगों की भर्ती की कोशिश की।’ उन्होंने कहा, ‘उसने हमें बताया कि उसने तीन चार महीने आईएसआई के निर्देशन में पाकिस्तान में बालकोटे प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण लिया। तब, जनवरी में उसने अपने चार साथियों के साथ भारत में घुसपैठ की।’

मेजर जनरल नैन ने कहा, ‘वह एक या दो महीने जंगली क्षेत्रों में छिपा रहा और फिर उसके बाद सभी लोग बंट गए। रहमान को जैश ए मोहम्मद के लिए भर्ती करने और उसके लिए मोड्यूल तैयार करने के लिए उसे बारामूला, सोपोरे और आसपास के क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गयी थी। इस पूरी कवायद का लक्ष्य बड़े फिदायिन हमला करना था।’ सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘यह एक नई चीज है जो सामने आया है क्योंकि यह पहली बार हुआ है कि कोई संगठन अपने फिदायिन दस्ते के लिए घाटी में भर्ती के लिए आया है। यह एक गंभीर विषय है।’

उन्होंने कहा, ‘यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है और हमें उससे जो भी सूचना मिलेगी, हम उसके आधार पर अभियान शुरू कर सकते हैं।’ उन्होंने बताया कि रहमान के पास से शबीर अहमद खान के नाम पर एक आधार कार्ड मिला है और यदि कार्ड असली पाया जाता है तो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है। सैन्य अधिकारी ने बताया कि असल में पांचों आतंकवादियों को एक एक आधार कार्ड दिया गया था जब वे घाटी में घुसे थे।