प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी के एक सदस्य ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू से जुड़े दस्तावेज़ वापस लौटाने का अनुरोध किया है। PMML के सदस्य रिज़वान कादरी ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर उन दस्तावेजों को वापस देने का अनुरोध किया है जो कथित तौर पर सोनिया गांधी के आदेश पर संग्रहालय से वापस ले लिए गए थे। जिसके बाद बीजेपी कांग्रेस से सवाल कर रही है कि उन दस्तावेजों में आखिर क्या था?
रिज़वान कादरी का कहना है कि यूपीए के शासनकाल में 2008 में 51 कार्टन में भरकर जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। ये चिट्ठी जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल ने 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी ( PMML) को दिए थे।
PMML के सदस्य रिज़वान कादरी ने 10 दिसंबर 2024 को राहुल गांधी को पत्र लिखा था। इससे पहले उन्होंने सितंबर में सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था। जिसके बाद अब राहुल गांधी से पत्र लिखकर कहा गया है कि वो या तो सोनिया गांधी से असली पत्र दिलवाएं या फिर इनकी फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी उपलब्ध कराई जाए।
जवाहर लाल नेहरू ने किसे लिखे थे ये पत्र?
जानकारी के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत को लिखे थे। रिज़वान कादरी ने कहा, जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवन राम, एडविना माउंटबेटन और भारतीय इतिहास से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण पत्रों सहित कई महत्वपूर्ण पत्र वहां थे।
रिज़वान कादरी ने कहा, ‘इनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू और लेडी माउंटबेटन के बीच पत्राचार, पंडित गोविंद बल्लभ पंत, जयप्रकाश नारायण और अन्य के साथ पत्राचार शामिल हैं। ये पत्र भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और अभिलेखों के माध्यम से यह साबित हो चुका है कि इन्हें 2008 में सोनिया गांधी के निर्देश पर संग्रहालय से वापस ले लिया गया था।’
सोनिया गांधी से PMML ने वापस मांगे थे पत्र
कादरी ने कहा, ‘सितंबर 2024 में मैंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि 2008 में नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय से वापस लिए गए 51 कार्टन संस्था को लौटा दिए जाएं। हमने कहा था कि हमें उन्हें देखने और स्कैन करने की अनुमति दी जाए या उनकी एक कॉपी हमें दी की जाए ताकि हम उनका अध्ययन कर सकें।’
इसे लेकर भाजपा नेता संबित पात्रा ने सोमवार को सवाल उठाया कि देश इनके बारे में जानना चाहता है। आखिर इन चिट्ठियों में ऐसा क्या था कि इन्हें जल्दबाजी में उठवा लिया गया और अब इन्हें कहां रखा गया है?
बीजेपी ने उठाया सवाल
पात्रा ने कहा कि आखिर 2010 में जब यह फैसला हुआ था कि पूरी सामग्री को डिजिटल तौर पर अपलोड किया जाएगा तो सोनिया गांधी आखिर इतनी जल्दबादी में 51 कार्टन में भरकर चिट्ठियों को क्यों ले गईं? उन्हें आखिर कहां रखा गया है? आखिर उन चिट्ठियों में क्या है, जिन्हें गांधी परिवार दिखाना नहीं चाहते?
संबित पात्रा ने कहा, ” प्रधानमंत्री संग्रहालय का नाम पहले नेहरू म्यूजियम एंड लाइब्रेरी था। पहले यहां सिर्फ नेहरू जी का ही इतिहास था। अब सभी पीएम के बारे में यहां जानकारी दी गई है। नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन, जयप्रकाश नारायण समेत कई नेताओं को चिट्ठियां लिखी थीं। 2008 में यूपीए की तत्कालीन चेयरपर्सन आई थीं और उन चिट्ठियों को उठा ले गईं। अब इतिहासकार जाकिर ने इसके लिए लेटर लिखा है कि आखिर माता जी ये चिट्ठियां क्यों ले गईं। इन्हें वापस पाने के लिए उन्होंने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। पात्रा ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आखिर नेहरू जी ने एडविना माउंटबेटन को क्या लिखा था। उन्हें जय प्रकाश नारायण समेत अन्य कई नेताओं को क्या लिखा था।पढ़ें- प्रियंका की ‘माफी पॉलिटिक्स’ इमरजेंसी के पाप को मिटा सकती है?