प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि कोरोना वायरस से वे घबड़ाएं नहीं, लेकिन सावधान जरूर रहें। उन्होंने गुरुवार को एक ट्वीट कर बताया कि अगले कुछ दिन तक कोई भी केंद्रीय मंत्री विदेश यात्रा पर नहीं जाएगा। उन्होंने देशवासियों से भी कहा कि गैरजरूरी यात्रा से बचें। कहा कि कोशिश करें कि समूह में लोग इकट्ठा न हों।
उन्होंने ट्वीट में उन्होंने बताया कि वायरस को लेकर सरकार सतर्क है। सरकार किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी मंत्रालयों और राज्यों में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसमें वीजा के निलंबन से लेकर स्वास्थ्य सेवा क्षमता बढ़ाने तक शामिल है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 73 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें से 56 भारतीय हैं और 17 विदेशी (इटली और कनाडा से) हैं। भारत में इस वायरस के लोगों के एक-दूसरे में फैलने के केस नहीं है।
Say No to Panic, Say Yes to Precautions.
No Minister of the Central Government will travel abroad in the upcoming days. I urge our countrymen to also avoid non-essential travel.
We can break the chain of spread and ensure safety of all by avoiding large gatherings.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2020
इस बीच हरियाणा सरकार ने गुरुवार को घातक कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बुधवार तक 44 संदिग्ध मामलों के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया, जिनमें से 38 की रिपोर्ट नकारात्मक आई है और छह की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट में कहा, “कोविड-19 को हरियाणा में महामारी घोषित किया गया है।” किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में 270 से अधिक वार्ड बनाए गए हैं, जहां 1206 बिस्तरों की व्यवस्था रखी गई है। रोहतक के पीजीआईएमएस अस्पताल को गंभीर मरीजों के इलाज के लिए तृतीय श्रेणी का स्वास्थ्य केन्द्र घोषित किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक इस घातक वायरस को फैलने से रोकने के लिए हरियाणा महामारी रोग, कोविड-19 नियम 2020 के तहत कई नियमों की घोषणा की है। ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू हैं और एक साल की अवधि तक लागू रहेंगे। कोरोना वायरस के संदिग्ध मामलों की जांच के लिए राज्य के सभी अस्पतालों से ‘फ्लू कॉर्नर’ स्थापित करने को कहा गया है। अधिसूचना के मुताबिक, नियमावली के अनुसार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति या संस्थान कोरोना वायरस से जुड़ी कोई भी जानकारी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर साझा ना करे। ऐसा करने वालों को दंडित किया जाएगा।