नोटबंदी के चार साल पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपने निर्णय का बचाव किया। पीएम ने कहा कि चार साल पहले नोटबंदी के फैसले के बाद काले धन को कम करने, कर अनुपालन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद मिली है।

पीएम ने कहा कि ये नतीजे राष्ट्रीय प्रगति के लिए बहुत फायदेमंद रहे हैं। पीएम ने रविवार को ट्वीट कर ये बातें कहीं। पीएम ने ट्वीट के जरिये तीन ग्राफ भी पोस्ट किए। इनमें नोटबंदी के बाद भारत में कर/जीडीपी में सुधार, अर्थव्यवस्था की नकदी पर निर्भरता में कमी, नोटबंदी के बाद नकली नोटों की जब्ती के बारे में बताया गया। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर रविवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया।

राहुल ने कहा कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का मकसद अपने कुछ “उद्योगपति मित्रों” की मदद करना था और इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को “बर्बाद” कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी PM की सोची समझी चाल थी ताकि आम जनता के पैसे से ‘मोदी-मित्र’ पूँजीपतियों का लाखों करोड़ रुपय क़र्ज़ माफ़ किया जा सके।

उन्होंने आगे लिखा कि गलतफहमी में मत रहिए- गलती हुई नहीं, जानबूझकर की गयी थी। इस राष्ट्रीय त्रासदी के चार साल पर आप भी अपनी आवाज़ बुलंद कीजिए।  मालूम हो कि गांधी और कांग्रेस आरोप लगाते रहे हैं कि 2016 में की गई नोटबंदी लोगों के हित में नहीं थी और इसने अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर डाला है। इस आरोप का सरकार ने बार-बार खंडन किया है।

नोटबंदी के विरोध में पार्टी के ऑनलाइन अभियान ‘स्पीक अप एगेंस्ट डिमो डिजास्टर’ के तहत जारी एक वीडियो में गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कैसे भारत की अर्थव्यवस्था से ” आगे बढ़” गई, क्योंकि एक समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे उच्च प्रदर्शन वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी।

दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोटबंदी के बाद बैंकों में नकली नोट ढाई गुना तक घट गए हैं। वहीं नोटबंदी के बाद 50 फीसदी से अधिक नकदी बढ़ने के बावजदू ऑनलाइन लेनदेन भी पांच गुना तक बढ़ा है।