साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बीजेपी ने इसके लिए नमो एप के माध्यम से एक सर्वे शुरू किया है। इस सर्वे में नमो एप इस्तेमाल करने वाले लोगों से सरकार के साथ-साथ बीजेपी के मौजूदा सांसदों और विधायकों के कामकाज का फीडबैक मांगा गया है। बीजेपी अगले चुनाव के लिए उम्मीदवारों को चुनने में कार्यकर्ताओं की पसंद, लोगों की अपेक्षाएं, जनमानस में उम्मीदवार की छवि की अहम स्थान दे रही है। बीजेपी ने नमो के माध्यम से भाजपा के तीन लोकप्रिय नेताओं के नाम भी लोगों से मांगे हैं। पार्टी ने लोगों से कहा है कि उनके कामकाज के आधार पर उन्हें रेटिंग दिया जाए। इसमें नेता की ईमानदारी, सत्य निष्ठा, विनम्रता, युवाओं के बीच लोकप्रियता को आधार बनाया गया है।

एप के जरिये लोगों से पूछा गया है कि क्या मौजूदा विधायक जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं। इसके अलावा सड़क, बिजली, पीने के पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी नागरिकों की राय मांगी गई है। झारखंड बीजेपी ने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में नमो एप डाउनलोड करें। बीजेपी नेता आलाकमान द्वारा शुरू की गई इस कवायद को हाथों-हाथ ले रहे हैं। इनका कहना है कि नमो द्वारा मांगा गया फीडबैंक टिकटों के बंटवारे का आधार बनेगा या नहीं ये कहना तो मुश्किल है, लेकिन बीजेपी कांग्रेस की संस्कृति से हटकर जनता से संवाद स्थापित करना चाहती है और फीडबैक के जरिये गवर्नेंस की कमियों को दूर किया जाएगा और नागरिक प्रशासन में नये तत्व जोड़े जाएंगे।

खबरों के मुताबिक बीजेपी का टिकट पाने के लिए अब पुराना ट्रैक रिकॉर्ड और दिल्ली तक पहुंच ही काफी नहीं होगा, इसके लिए उम्मीदवार की जनता में अच्छी छवि भी होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमो एप के जरिये सांसदों से लगातार संवाद करते रहते हैं। नमो एप में सांसदों की सक्रियता कम होने पर पीएम कई मौको पर बीजेपी सांसदों को फटकार भी लगा चुके हैं। पीएम मोदी इस एप के जरिये सरकार के कामों, योजनाओं, उपलब्धियों की जानकारी जनता को देते हैं।