प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त की शाम को जापान की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं। वह जापान के प्रधानमंत्री महामहिम शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 29 और 30 अगस्त को जापान में रहेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम नरेंद्र मोदी की इस यात्रा को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा दोनों देशों की मित्रता को मजबूत करेगी और सहयोग के नए रास्ते खोलेगी।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत और जापान विश्वास और रणनीतिक दृष्टिकोण साझा करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा दोनों देशों की मित्रता को मजबूत करेगी और सहयोग के नए रास्ते खोलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के लिए शांति, समृद्धि और स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।

‘सात साल पहले जापान गए थे पीएम नरेंद्र मोदी’

उन्होंने बताया कि यह लगभग 7 वर्षों में पीएम नरेंद्र मोदी की पहली जापान यात्रा है। उन्होंने पिछली बार 2018 में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जापान का दौरा किया था। तब से, उन्होंने जापान का दौरा किया है, लेकिन वह बहुपक्षीय कार्यक्रमों और अन्य औपचारिक कार्यक्रमों के लिए रहा है। यह एक ऐसी यात्रा होगी जो पूरी तरह से भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय एजेंडे को समर्पित होगी। 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से यह प्रधानमंत्री की जापान की आठवीं यात्रा भी है और यह हमारे विदेशी संबंधों में इस विशेष संबंध को दी जाने वाली उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि भारत और जापान दो ऐसे देश हैं जो कई मुद्दों पर मूल्यों, विश्वास और रणनीतिक दृष्टिकोण को साझा करते हैं। वे एशिया के दो अग्रणी लोकतंत्र और दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। पिछले एक दशक में हमारे द्विपक्षीय संबंधों का दायरा और महत्वाकांक्षा लगातार बढ़ी है और आज इसमें व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांंचा और गतिशीलता, लोगों से लोगों का संपर्क और दोनों पक्षों के बीच जीवंत सांस्कृतिक जुड़ाव शामिल हैं।

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