प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक दूसरे से फोन पर बातचीत की। सरकार की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि दोनों नेताओं की बीच भारत-चीन सीमा पर तनाव और अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद उपजी हिंसा की स्थिति समेत अन्य मामलों को लेकर चर्चा हुई।

सरकार की तरफ से बताया गया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-7 में अमेरिका की अध्यक्षता के साथ ही समूह के मौजूदा सदस्यों की संख्या में विस्तार को लेकर अपनी इच्छा को भी व्यक्त किया। अमेरिका चाहता है कि जी-7 में भारत समेत अन्य महत्वपूर्ण देशों को भी शामिल किया जाए। इस संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका में आयोजित होने वाले जी-7 सम्मेलन में शामिल होने का न्योता भी दिया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत के दौरान इस साल फरवरी में अपनी भारत यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत में हुए शानदार स्वागत को याद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह यात्रा यादगार और ऐतिहासिक रही है।

इससे पहले समूह-7 (जी-7) शिखर सम्मेलन के लिए भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना पर चीन ने मंगलवार को नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जतायी और कहा कि बीजिंग के खिलाफ किसी गुटबंदी का प्रयास नाकाम साबित होगा। समूह-7 दुनिया की शीर्ष सात विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए इन देशों के प्रमुखों की हर साल बैठक होती है।

मालूम हो कि  ट्रंप ने जी-7 की बैठक सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। उन्होंने इच्छा व्यक्त की है कि इस ‘‘पुराने पड़ गए संगठन’’ का विस्तार किया जाए तथा इसमें भारत और तीन अन्य देशों को शामिल किया जाए तथा इसे जी-10 या जी-11 बनाया जाए।