पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री वाला विवाद अभी भी थमा नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गुजरात हाई कोर्ट द्वारा 25 हजार का जुर्माना पहले ही लगाया जा चुका है। अब सीएम की तरफ से इसी मामले में एक और याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि वेबसाइट पर पीएम की डिग्री मौजूद ही नहीं है, ऐसे में पिछले आदेश पर फिर रिव्यू किया जाना चाहिए।
क्या है ये पूरा विवाद?
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले आदेश में गुजरात हाई कोर्ट ने एक तरफ PMO को पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक ना करने को बोला था, तो वहीं दूसरी तरफ सीएम अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगा था। अब उसी मामले में केजरीवाल ने रिव्यू पेटीशन दायर की है। उनकी तरफ से कहा गया है कि वेबसाइट पर कोई डिग्री तो वैसे भी मौजूद ही नहीं है, सिर्फ एक Office Register के नाम से एक डॉक्यूमेंट है। वो डॉक्यूमेंट भी बिना सिग्नेचर के है, ऐसे में उसका सत्यापन करना मुश्किल है।
केजरीवाल का क्या तर्क?
सीएम केजरीवाल पर जो 25 हजार का जुर्माना लगा था, उसको भी चुनौती दी गई है। जोर देकर कहा गया है कि उनकी तरफ से पीएम मोदी की डिग्री नहीं मांगी गई थी, उन्होंने तो बस CIC को अप्रैल 2016 में एक चिट्ठी लिखी थी। ये भी बताया गया है कि केजरीवाल कभी नहीं चाहते थे कि उन्हें इस मामले में आवेदक बनाया जाए। वैसे भी CIC ने तो मोदी डिग्री मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। अभी के लिए मामले की आज शुक्रवार को सुनवाई होनी है, केजरीवाल को राहत मिलती है या झटका, ये देखने वाली बात रहेगी।
केंद्र के साथ जारी सबसे बड़ी लड़ाई
वैसे इस समय कई मुद्दों पर पहले से केंद्र सरकार और सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच तकरार की स्थिति चल रही है। सबसे बड़ा विवाद तो उस अध्यादेश को लेकर है जो केंद्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लेकर आई है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अफसरों के ट्रांसफर की ताकत दिल्ली सरकार के पास रहेगी, लेकिन उसी के खिलाफ केंद्र अध्यादेश लाई है जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार से राय जरूर ली जा सकती है, लेकिन अंतिम मुहर एलजी द्वारा ही लगाई जाएगी। अभी इस मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल पूरे विपक्ष को एकजुट करने का काम कर रहे हैं। उनकी तरफ से गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात की गई है।