दादरी की घटना के बाद उठे विवाद के बीच अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से कुछ नेताओं के गैरजिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करने की अपील की और कहा कि हिंदू और मुसलमानों को फैसला करना होगा कि उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ लड़ना है या मिलकर गरीबी से मुकाबला करना है। बिहार के चुनावी मैदान में मोदी गोमांस पर गरजना नहीं भूले, और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर जमकर हल्ला बोला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि बिहार के पानी और जवानी को बर्बाद होने से रोका जाए।
भारत की विविधता, सहिष्णुता और बहुलवाद के मूल्यों को कायम रखने की जरूरत रेखांकित करने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बयान का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘देश को एकजुट रहना होगा’। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को बिहार में अपनी चार रैलियों में से शुरुआती तीन में गोमांस को लेकर देश में उठे राजनीतिक विवाद पर कोई बात नहीं की। लेकिन नवादा में अपनी आखिरी रैली में उन्होंने जनता से सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ने के लिए हाथ मिलाने की अपील की।
उत्तर प्रदेश के दादरी के एक गांव में कथित तौर पर गौमांस खाने की अफवाह के बाद 50 साल के अखलाक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना के बाद इस संदर्भ में अपनी पहली टिप्पणी में मोदी ने कहा, ‘मैंने पहले भी यह बात कही है। हमें तय करना होगा कि हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ना है या गरीबी से। मुसलिमों को फैसला करना चाहिए कि हिंदुओं से लड़ना है या गरीबी से’।
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि देश को फायदा तभी होगा जब हिंदू और मुसलिम मिलकर गरीबी से लड़ेंगे और इसे हराएंगे। उन्होंने कहा, ‘देश को एकता, सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारा और शांति ही आगे ले जाएगी’। उन्होंने लोगों से कुछ नेताओं के गैरजिम्मेदाराना बयानों को नजरअंदाज करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेता राजनीतिक हितों के लिए ऐसा करते हैं और यह बंद होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि कुछ छुटभैये नेता अपने राजनीतिक हितों के लिए गैरजिम्मेदाराना बयान देने पर उतारू हैं। ऐसे बयान बंद होने चाहिए। मैं जनता से अनुरोध करना चाहता हूं कि इस तरह के बयानों पर ध्यान नहीं दें, फिर चाहे नरेंद्र मोदी खुद भी इस तरह की कोई बात क्यों न करे’।
प्रधानमंत्री के ये बयान दादरी की घटना के बाद केंद्र सरकार के मंत्रियों महेश शर्मा और संजीव बालयान के बयानों और साक्षी महाराज, योगी आदित्यनाथ और संगीत सोम समेत भाजपा सांसदों और सपा के आजम खान, एआइएमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य नेताओं के विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में आए हैं।
राष्ट्रपति मुखर्जी के बुधवार को दिए बयान का उल्लेख करते हुए मोदी ने देशवासियों से कहा, ‘आपको अगर ध्यान देना है तो राष्ट्रपति के दिए गए संदेश और दिशानिर्देश की ओर ध्यान देना चाहिए’। उन्होंने कहा, ‘बुधवार को राष्ट्रपति ने रास्ता दिखाया था। 125 करोड़ लोगों के देश के राष्ट्राध्यक्ष ने जो कहा है, उससे बड़ा कोई संदेश, बड़ा निर्देश, बड़ी प्रेरणा कोई नहीं हो सकती’।
उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को राष्ट्रपति के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। तभी भारत उन अपेक्षाओं पर खरा उतर सकता है जो दुनिया हमसे रखती है। मोदी ने कहा कि विभाजनकारी तरीके और राजनीतिक हितों के लिए राजनीति करना बंद होना चाहिए।
इससे पहले मोदी ने मुंगेर, बेगूसराय और समस्तीपुर की चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर तीखा हमला बोला और उनकी ‘हिंदुओं के भी गोमांस खाने वाली टिप्पणी’ को यदुवंशियों के लिए ‘घोर अपमान’ की बात बताया। मोदी के इस बयान को लेकर हालांकि उन पर चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने के आरोप लगे।
सांप्रदायिक सौहार्द की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस विचार और संस्कृति के साथ आगे बढ़ रही है।
दादरी की घटना पर अपनी चुप्पी को लेकर चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरे मोदी ने लालू की गोमांस संबंधी टिप्पणी पर उन पर लगातार निशाना साधा और इसे यदुवंशियों और बिहार का अपमान बताया। उन्होंने कहा, ‘वे यह सब क्या कह रहे हैं। यादव क्या खाते हैं? लालू जिस ओहदे पर पहुंचे, वह इन यदुवंशियों की वजह से ही है और उन्होंने यदुवंशियों का अपमान किया। आप उन्हें किस तरह की गाली दे रहे हैं। क्या यह यादवों और बिहार का अपमान नहीं है? यदुवंशियों का इतना अपमान मत कीजिए। लालूजी इन यदुवंशियों ने आपको सत्ता में आने में मदद की’।
उन्होंने लालू की इस सफाई पर भी निशाना साधा कि उन्होंने शैतान के प्रभाव में यह गोमांस वाला बयान दिया था। मोदी ने कहा, ‘मुझे हैरानी है कि शैतान को प्रवेश करने के लिए उनका (लालू) ही शरीर मिला। मैं जानना चाहता हूं कि शैतान को उनका पता कैसे मिला? शैतान को पूरे बिहार, भारत और पूरी दुनिया में उन्हें छोड़कर किसी और का शरीर नहीं मिला। और उन्होंने भी शैतान का ऐसे स्वागत किया जैसे कोई अपने रिश्तेदारों का करता है’।
लालू के गोमांस वाले बयान पर मोदी की बार-बार टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश बताया। नीतीश ने ट्वीट किया, ‘असल मोदी सामने आ गए हैं। बिहार चुनावों को सांप्रदायिक रूप देने का शर्मनाक प्रयास, लेकिन दादरी की निंदाजनक घटना पर कानफोड़ू चुप्पी’।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सभी को देखना चाहिए कि वाजपेयी जी को उन्हें (मोदी) यह क्यों याद दिलाना पड़ा कि राजधर्म का पालन करें, लेकिन आज सोचने वाली बात है कि वाजपेयी कौन बनेगा? वे 2002 के गुजरात दंगों के बाद एक राहत शिविर के दौरे के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों का जिक्र कर रहे थे जिस समय मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।