विश्व सूफी सम्मेलन में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना भाषण देने के लिए जैसे ही मंच की ओर बढ़े, वहां भारत माता की ‘जय के नारे’ लगे। बता दें कि इस नारे पर देश में फिलहाल राजनीति गरमाई हुई है।

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सम्‍मेलन में मोदी ने सूफीवाद को शांति की आवाज बताया और कहा कि इस्लाम का असली मतलब ही शांति है। ये भाईचारे का संदेश है। उन्होंने कहा रहमान और रहीम अल्लाह के ही नाम हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सूफी लोगों के लिए खुदा की सेवा मतलब मानवता की सेवा करना है। अल्लाह के 99 नामों में से किसी भी नाम का मतलब हिंसा नहीं है। कई सूफी संतो का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि हिंसा के माहौल में सूफीवाद नूर है। पीएम ने कहा, ”हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना वाले देश हैं और हम एक परिवार की तरह रहते हैँ।” मोदी ने अपनी स्पीच के दौरान यह भी कहा, ”सबका उस दिल्ली में स्वागत जिसे अलग-अलग कल्चर ने बनाया है।” बता दें कि सूफी सम्मेलन में पाकिस्तान समेत 20 देशों के 200 से भी अधिक मशहूर सूफी विद्वान भाग ले रहे हैं।

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