500 और 1000 के नोट बंद होने के फैसले पर विपक्ष सरकार को एकजुट होकर घेरने की कोशिश में लगा हुआ है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी के सभी सासंदों के साथ मीटिंग करके कहा है कि देश के लोग सरकार के साथ हैं इसलिए उन्हें बचाव की मुद्रा में आने की कोई जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि बुधवार यानी 16 नवंबर से संसद का शीत कालीन सत्र शुरू होने वाला है। सांसदों के साथ हुई मीटिंग में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के साथ-साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे सीनियर नेता भी मौजूद थे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी के सदस्यों को भी हिदायत दी है कि वे विपक्ष के हमले का जोरदार जवाब दें। इसके लिए पार्टी के सभी सदस्यों को भारतीय सेना द्वारा सितंबर के अंत में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक, वन रैंक वन पेंशन जैसे मुद्दे पर अच्छे से बोलने के लिए तैयारी भी करवाई जा रही है।
लोगों को राहत देने के लिए 14 नवंबर को सरकार द्वारा फैसला लिया गया कि 500 और 1000 के जो पुराने नोट पहले 14 नवंबर की रात तक मान्य थे वह अब 24 नवंबर की रात तक मान्य होंगे। पुराने नोट सरकारी हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप पर मान्य होंगे। इसके अलावा बैंक और एटीएम से बदले और निकाले जाने वाले पैसे की लिमिट भी अब बढ़ा दी गई है। वित्त मंत्रालय ने रविवार रात को को बताया था, ‘सभी बैंकों को सलाह दी गई है कि एटीएम से एक दिन में 2000 रुपए निकालने की सीमा को 2500 रुपए, सप्ताह में अकाउंट से 20 हजार रुपए निकालने की सीमा को 24 हजार रुपए और नोट बदलने की सीमा को 4000 रुपए से 4500 रुपए किया जाए। इसके साथ ही कहा गया है कि एक दिन में चेक से केवल 10 हजार रुपए निकालने की सीमा को खत्म किया जाए।’
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, सरकार द्वारा कई तरह के भरोसे देने के बावजूद बैंकों और एटीएम के बाहर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान आठ नवंबर को किया था।
वीडियो: नोटबंदी पर अखिलेश यादव का बयान