केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा इस समय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक वाक्या बताया है। यह वाक्या काफी साल पुराना है, जब जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता थे और नरेंद्र मोदी प्रदेश प्रभारी थे। जेपी नड्डा ने बताया कि पीएम मोदी ने उनसे जनता के बीच बैठने, उनकी समस्या सुनने और उसका समाधान खोजने के लिए उपलब्ध रहने को कहा था।
जेपी नड्डा ने शेयर की स्टोरी
जेपी नड्डा ने मोदी स्टोरी नाम के चैनल से बात करते हुए कहा, “राजनीति में कभी-कभी एक मार्गदर्शक वाक्य पूरी ज़िंदगी की दिशा बदल देता है। जब मैं हिमाचल प्रदेश में विपक्ष का नेता था, नरेंद्र मोदी जी हमारे प्रदेश प्रभारी थे, तो उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं सदन में मुद्दे कहां से लाता हूं। मैंने बताया कि अख़बार पढ़कर और नोट्स बनवाकर हम सवाल तैयार करते हैं। मोदी जी ने मुस्कुराते हुए कहा- नड्डा जी, विपक्ष का काम सिर्फ़ सदन तक सीमित नहीं होना चाहिए। जनता को ये पता होना चाहिए कि विपक्ष का नेता उनके बीच बैठने, उनकी समस्या सुनने और उसका समाधान खोजने के लिए उपलब्ध है।”
जेपी नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी ने मुझे सलाह दी कि मैं राज्य के हर ज़िले में जाऊं, सर्किट हाउस या किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठकर यह घोषणा करूं कि विपक्ष का नेता जनता की शिकायतें सुनने के लिए मौजूद है। उनकी बात मैंने तुरंत मान ली। उन्होंने कहा कि अगले ही पंद्रह दिनों में मैंने दो-दो, तीन-तीन ज़िलों का दौरा किया और पूरा प्रदेश कवर कर लिया। जेपी नड्डा के अनुसार किसानों, युवाओं, कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद हुआ। उस अनुभव ने मुझे गहराई से बदल दिया। जेपी नड्डा ने कहा कि बहस करने की मेरी शैली बदली, जनता के मुद्दों की सीधी समझ मिली और एक आत्मविश्वास आया कि विपक्ष भी राज्य का नेतृत्व कर सकता है। अख़बारों से मिली जानकारी और जनता से मिली जानकारी में कितना अंतर होता है, यह तब पहली बार महसूस हुआ।
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‘हमने सोचा भी नहीं था कि सत्ता में आएंगे’
जेपी नड्डा ने आगे कहा, “नतीजा यह हुआ कि हमारी पार्टी की छवि विपक्ष से कहीं आगे बढ़कर जनता की आवाज़ बनने लगी। और जब चुनाव आए तो हमने सोचा भी नहीं था कि सत्ता में आएंगे, लेकिन मोदी जी की रणनीति और मार्गदर्शन ने असंभव को संभव कर दिखाया।”
जेपी नड्डा ने कहा कि आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो समझता हूं कि एक वाक्य, एक सीख, राजनीति की पूरी परिभाषा बदल सकती है। नरेंद्र मोदी जी ने मुझे यही सिखाया कि नेता वही है, जो जनता के बीच बैठकर उनकी धड़कनों को सुने।