पाकिस्तान को भारत सरकार लगातार आतंकवाद से दूरी बनाने की सलाह दे रही है। भारत सरकार का स्पष्ट रुख है कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद से दूरी नहीं बनाई और भारत में फिर किसी आतंकी घटना को अंजाम दिया तो उसे गंभीर अंजाम भुगतने की लिए तैयार रहना चाहिए। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर से पाकिस्तान को यही चेतावनी दी।
शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार के काराकाट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान और दुनिया ने भारत की बेटियों के सिंदूर की ताकत देखी। पीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत की जो ताकत दुश्मन ने देखी है, ये हमारे तरकश का केवल एक ही तीर है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रुकी है, न थमी है। आतंक का फन, अगर फिर उठेगा तो भारत उसे फिर से खिंचकर कुचलने का काम करेगा। हमारी लड़ाई देश के हर दुश्मन से है, फिर वो चाहे सीमा पार हो या देश के भीतर हो।
राजनाथ बोले- अगली बार भारत का उत्तर और भी कठोर होगा
वहीं दूसरी तरफ देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गोवा में INS विक्रांत पर नौसैनिकों से मुलाकात की। राजनाथ सिंह ने यहां नौसैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब सहन नहीं करता है, भारत अब सीधा जवाब देता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रहार इतना तगड़ा था कि पाकिस्तान पूरी दुनिया में भारत को रोकने की गुहार लगाने लगा। हमने अपनी शर्तों पर अपने मिलिट्री एक्शन को रोका है। अभी तो हमारी सेनाओं ने अपनी आस्तीनें पूरी मोड़ी भी नहीं थीं, अपना पराक्रम दिखाना शुरू भी नहीं किया था। उन्होंने कहा कि हमारी नौसेना ने पाकिस्तान को उसके समुद्र तटों पर ही सीमित कर दिया, वे खुले में आने का साहस भी नहीं दिखा सके।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। वह सिर्फ एक विराम है, एक चेतावनी है। अगर पाकिस्तान ने फिर वही गलती की तो भारत का उत्तर और भी कठोर होगा और इस बार उसे संभलने का मौका भी नहीं मिलेगा। ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं ने बेहतरीन सामंजस्य दिखाया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह साफ तौर पर समझ लेना चाहिए कि आजादी के बाद से वह आतंकवाद का जो खतरनाक खेल खेल रहा है, वह अब खत्म हो चुका है। हम आतंक के खिलाफ हर वह तरीका इस्तेमाल करेंगे जो पाकिस्तान सोच सकता है, उन तरीकों को इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे जिनके बारे में पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता। पाकिस्तान के हित में यही होगा कि वह अपनी धरती से जारी आतंकवाद को खुद ही खत्म कर दे।