प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को वायुसेना में शामिल किए जाने को लेकर ‘‘अद्वितीय गर्व और खुशी’’ का मामला बताया और एक ऐसा कदम बताया, जो भारतीय वैज्ञानिकों के कौशल और क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘स्वदेश निर्मित तेजस लड़ाकू जेट को वायुसेना में शामिल करने से हमें असीम गौरव और खुशी की अनुभूति हो रही है।’’ तेजस के पहले स्क्वाड्रन को आज सुबह बेंगलुरू में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया जिसके दो लड़ाकू विमान आज वायुसेना में शामिल हुए। यह देश के सैन्य विमानन क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘तेजस लड़ाकू विमान को शामिल किए जाने पर मैं एचएएल और एडीए की प्रशंसा करता हूं। यह स्वदेशी रक्षा निर्माण में हमारे कौशल और क्षमता को दर्शाता है।’’ सरकारी एचएएल ने दो तेजस विमान को भारतीय वायुसेना को सौंपा जो पहला स्क्वैड्रन है जिसका नाम ‘फ्लाइंग डैगर्स’ रखा गया है। इस अवसर पर एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट में सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया। एलसीए निर्माण की पहल शुरू करने के तीन दशक बाद भारत निर्मित लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया है। विमान का नाम ‘‘तेजस’’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखा था। यह स्क्वाड्रन पहले दो वर्ष बेंगलुरू में रहेगा फिर इसे तमिलनाडु के सुलुर भेजा जाएगा।